Aditya Birla Sun Life: पेसिव इन्वेस्टमेंट की ग्रोथ में तेजी आई है क्योंकि म्यूचुअल फंड हाउस ने पांच इंडेक्स फंड लॉन्च किए हैं, जो ज्यादातर डिफरेंट निफ्टी इंडेक्स को ट्रैक करते हैं. आदित्य बिड़ला सन लाइफ AMC भी आदित्य बिड़ला सन लाइफ निफ्टी SDL प्लस PSU बॉन्ड सितंबर 2026 60:40 इंडेक्स फंड लॉन्च करके इस ट्रैंड में शामिल हो गया है. यह एक ओपन एंडेड स्कीम है जो निफ्टी SDL प्लस PSU बॉन्ड सितंबर 2026 इंडेक्स को ट्रैक करेगी. इस फंड में 60 फीसदी पैसा SDL में निवेश होगा जबकि 40 फीसदी पैसा PSU बॉन्ड में निवेश होगा.
Ace म्यूचुअल फंड के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले एक साल में इंडेक्स फंड्स की इस कैटेगरी के तहत मोतीलाल ओसवाल निफ्टी स्मॉलकैप 250 इंडेक्स फंड, सुंदरम स्मार्ट निफ्टी 100 Eq वेट फंड और प्रिंसिपल निफ्टी 100 इक्वल वेट फंड ने 69% से ज्यादा का रिटर्न दिया है.
यह कैटेगरी Ace म्यूचुअल फंड डेटा के अनुसार ‘अन्य’ इंडेक्स फंड के अंतर्गत आती है. इसके अलावा, इंडेक्स फंड की चार अलग-अलग कैटेगरी हैं जिनमें ETF-इंडेक्स फंड, इंडेक्स फंड-निफ्टी, इंडेक्स फंड-निफ्टी नेक्स्ट 50 और इंडेक्स फंड-सेंसेक्स शामिल हैं.
फंड की टार्गेट मैच्योरिटी डेट 30 सितंबर, 2026 है, और AAA-रेटेड PSU बॉन्ड और SDL के डायवर्स पोर्टफोलियो में निवेश करता है जो स्कीम की मैच्योरिटी डेट पर या उससे पहले मैच्योर होते हैं.
इंडेक्स फंड के रूप में, यह निफ्टी SDL प्लस PSU बॉन्ड सितंबर 2026 60:40 इंडेक्स के प्रदर्शन को दोहराएगा. पोर्टफोलियो इंडेक्स टॉप 10 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा जारी 60% SDL और टॉप 10 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा जारी 40% AAA-रेटेड PSU बॉन्ड से बना होगा, जैसा कि क्रेडिट क्वालिटी और लिक्विडिटी स्कोर द्वारा निर्धारित किया जाता है.
यह स्थिर और अनुमानित रिटर्न जनरेट करने के लक्ष्य के साथ मैच्योर होने तक बांड्स को होल्ड करने की कोशिश करेगा. उसके बाद, इंडेक्स एक क्वाटरली रीबैलेंस और इसके घटकों की समीक्षा से गुजरेगा.
यह इंडेक्स फंड आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्यूचुअल फंड का पैसिव फिक्स्ड इनकम प्रोडक्ट में पहला प्रयास है. इसके अलावा, फंड हाउस ने इस वित्तीय वर्ष में अब तक तीन नए पैसिव फंड पेश किए हैं.
आदित्य बिड़ला सन लाइफ AMC के MD और CEO ए. बालासुब्रमण्यम ने कहा, “रिटर्न के अनुमानों के साथ पैसिव डेट प्रोडक्ट परंपरागत सेविंग संसाधनों का एक मिला-जुला रूप होता है. इसमें अच्छी लिक्विडिटी होती है और टैक्स का फायदा मिलता है. ब्याज दरें ज्यादा आकर्षक हैं और महंगाई के आंकड़ों में भी कमी आ रही है. इससे निवेशकों को मिलने वाला रियल रिटर्न बढ़ रहा है. निवेशक को ऐसे माहौल में डेट फंड की सुरक्षा और लिक्विडिटी के साथ कम दरों का फायदा मिल रहा है.”
टार्गेट मैच्योरिटी फंड की एक मैच्योरिटी डेट होती है. यह इन फंडों को अनुमानित और स्थिर रिटर्न देने में सक्षम बनाती है. मैच्योरिटी पर, एक इन्वेस्टर को उनके इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न मिलता है.
-इस योजना का उद्देश्य लॉन्ग टर्म में इनकम पैदा करना है.
– इन्वेस्टमेंट और एडवाइजरी फीस सहित स्कीम का ओवरऑल एक्सपेंस रेशियो, सेबी के अनुसार डेली नेट एसेट के 1% से अधिक नहीं होना चाहिए.
-यह ‘मॉडरेट’ रिस्क कैटेगरी के अंतर्गत आता है, इसलिए इन्वेस्टर्स को प्रोडक्ट में इन्वेस्टमेंट करने से पहले अपने एडवाइजर से सलाह लेनी चाहिए.
-इसमें मिनिमम निवेश 500 रुपये है
– तीन साल से अधिक समय तक रखे गए डेट म्यूचुअल फंड में लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन पर इंडेक्सेशन के बाद 20% के रेट से टैक्स लगता है.
क्योंकि यह एक पैसिवली मैनेज्ड इंडेक्स फंड है, AMC के माध्यम से फंड की अवधि के दौरान किसी भी समय इसे खरीदना और बेचना संभव है.
-इंडेक्सेशन एक इन्वेस्टर को किसी इन्वेस्टमेंट की परचेज प्राइस को इन्फ्लेशन के साथ अलाइन करने में सक्षम बनाता है, जिससे उसकी टैक्स एफिशिएंसी बढ़ जाती है.