कोरोना महामारी का यह समय कठिन है. कई लोग बेकार घूम रहे हैं. रोज कमा कर खाने वाले के पास कोई काम नहीं रहा है. ऐसी स्थिति में उन्हें पैसों की सख्त जरूरत होती है और यही मजबूरी उनको किसी साजिश का हिस्सा बना देती है.
बोगस कंपनियों और ऐप्स के इंस्टैंट लोन ऑफर्स से बचने के लिए कुछ हफ्ते पहले SBI ने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर अवेयरनेस नोटिस भी जारी किया था और हाल ही में बजाज फिनसर्व ने फाइनेंशियल फ्रॉड रिस्क के संबंध लोगों को सजग किया है.
फाइनेंशियल मार्केटप्लेस विशफिन के सह-संस्थापक और CEO ऋषि मेहरा कहते हैं, “अगर आपको ऑफर किया गया ब्याज कम लगता है और यदि आपको EMI चुकाने में कोई दिक्कत नहीं है तो ही आपको लोन का सहारा लेना चाहिए.”
इन झांसों से लुभाया जाता है कस्टमर्स को
– कम से कम डॉक्युमेंट्स देकर ज्यादा से ज्यादा लोन पाएं.
– बिना इनकम प्रूफ मिलेगा लोन.
– कर्ज चुकाने की मियाद 20 दिन से लेकर 200 दिन की रहेगी
– कुछ मिनटों की प्रक्रिया के बाद खाते में जमा होगा 10,000 रुपये से लेकर 1,00,000 रुपये तक का लोन
– बिना कोई प्रोसेसिंग फीस आपको मिलेगा लोन
– आमदनी बंद हो गई है तो भी मिल सकता है लोन
बैंकिंग सेक्टर के एक्सपर्ट बताते हैं कि ऐसे लोन ऑफर्स से दूर रहें और अगर बहुत ही सस्ता ऑफर हो तो इससे सावधान रहें.
विशफिन के महेरा ने बताया, “ऐसे ऐप्स या कंपनियों के पास RBI की स्वीकृति है या नहीं, इसे चेक करना चाहिए.”
मुसीबत का सौदा साबित हो सकते हैं ऐसे लोन
कस्टमर को चार्जेज से अनजान रखकर ये कंपनियां पहली किस्त में ही तगड़ी रकम काट लेती हैं.
मान लीजिए कि आपने ऐसे किसी ऑफर में 50,000 रुपये का कर्ज लिया है तो आपके खाते में सिर्फ 40,000 रुपये तक की रकम ही आएगी, बाकी की रकम जीएसटी और प्रोसेसिंग फीस एवं अन्य चार्जेज को गिनाकर काट ली जाती है. अगर आप समय पर भुगतान नहीं करते हैं तो कई गुना पेनाल्टी आपको चुकानी पड़ती है.
रिकवरी एजेंट्स और फोन कॉल्स पर धमकियां
अगर आप किसी वजह से लोन नहीं चुका पाते हैं तो इन ऐप्स और कंपनियों के एग्जिक्यूटिव्स और रिकवरी एजेंट आपको परेशान करना शुरू कर देते हैं. आपकी पर्सनल डिटेल सोशल मीडिया पर शेयर करके आपको डिफॉल्टर घोषित करते हैं.
लोगों को धमकाया जाता है और गालियां तक दी जाती हैं. साथ ही ये लोन लेने वाले के परिचितों को फोन कर और उन्हें व्हॉट्सऐप मैसेज भेजकर अपमानित भी करते हैं.
इस तरह के लोन ऑफर्स से कैसे बचें
– किसी अनजान व्यक्ति, अपुष्ट/अनाधिकृत ऐप को KYC दस्तावेजों की प्रति न दें
– लोन लेने से बहेतर है अन्य विकल्प अपनाएं
– अगर बहुत ही सस्ता ऑफर हो तो तुरंत अलर्ट हो जाएं
– कंपनी या ऐप रजिस्टर्ड NBFC का हिस्सा है या नहीं यह चेक करें
– मार्केट में उपलब्ध अन्य राष्ट्रीय कंपनियों के साथ ऑफर्स को मैच करें
– संबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसियों में जल्द से जल्द ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें
– ऑफर के छिपे चार्जेज के बारे में पता लगाएं
– प्रोसेसिंग फीस और अन्य खर्च के बारे में पता करें
– RBI की साइट पर जाकर लोन ऑफर करने वाली कंपनियों के बारे में पता करें
ज्यादातर ऐसे लोग बनते हैं शिकार
मेहरा के मुताबिक, “जिनका क्रेडिट स्कोर कम होता है और जिन लोगों को अधिकृत बैंक या NBFC से लोन मिलना मुश्किल होता है ऐसे लोग आसानी से इन कंपनियों का शिकार हो जाते हैं.फर्जी कंपनियां इन्हें सबसे ज्यादा टारगेट करती हैं. असंगठित क्षेत्र में काम करनेवाले लोग, छोटे दुकानदार और व्यापारी एवं गिग वर्कर के इनके झांसे में आने की ज्यादा आशंका होती है.”