Education Loan: अपने करियर के सपने को पूरा करने के लिए एजुकेशन लोन एक बेहतरीन साधन है. खासतौर पर ऐसे लोगों के लिए ये बेहद मददगार साबित होता है जिनके पास महंगी पढ़ाई का खर्च उठाने लायक पैसा नहीं होता है. हालांकि, मौजूदा अनिश्चित हालात में यह मुमकिन है कि आपको अपनी पसंदीदा नौकरी न मिल पाए और इसके चलते ये भी हो सकता है कि आप एजुकेशन लोन के रीपेमेंट पर डिफॉल्ट कर जाएं.
यही नहीं मौजूदा दौर में ऐसा भी हो रहा है कि युवाओं को अपनी पहली नौकरी शुरू करने के कुछ वक्त में ही छंटनी का शिकार होना पड़ रहा है. इस तरह के मामलों में एजुकेशन लोन पर डिफॉल्ट करने की आशंका बढ़ जाती है.
किसी भी दूसरे लोन पर डिफॉल्ट की तरह से ही एजुकेशन लोन पर डिफॉल्ट करने पर आपको पेनाल्टी चुकानी पड़ती है.
कितने तरीके के होते हैं एजूकेशन लोन?
मोटे तौर पर तीन तरह के एजुकेशन लोन होते हैं. 4 लाख रुपये तक का अनसिक्योर्ड लोन होता है जिसके लिए किसी कोलेट्रल या गारंटर की जरूरत नहीं होती है.
दूसरा, जब बैंक की पास की गई रकम ज्यादा होती है तो लोन को सिक्योर करने के लिए बैंक एक गारंटर मांगता है.
तीसरा, लोन की रकम ज्यादा होने पर बैंक कोई संपत्ति गिरवी रखने की मांग करता है. साथ ही अगर आप कोई संपत्ति गिरवी रखते हैं तो इससे काम कम इंटरेस्ट रेट पर लोन हासिल कर सकते हैं.
क्या होगा अगर आप नहीं चुका पा रहे हैं EMI?
अगर आप EMI वक्त पर नहीं चुका पा रहे हैं तो ऐसे हालात में अनसिक्योर्ड लोन के लिए बैंक शुरुआत में आपको नोटिस भेजता है. अगर आप इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देते हैं तो बैंक आपको डिफॉल्टर घोषित करने पर विचार करता है.
एक बार आप डिफॉल्टर के तौर पर दर्ज कर लिए जाते हैं तो आपका क्रेडिट स्कोर तेजी से नीचे आने लगता है.
दूसरे केस में बैंक लोन लेने वाले और गारंटर दोनों को चेतावनी वाले नोटिस भेजता है. अगर दोनों ही लोग इसका जवाब नहीं देते हैं तो बैंक एक निश्चित वक्त तक इंतजार करता है और इसके बाद लोन को NPA (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) घोषित कर देता है.
इससे आपका क्रेडिट स्कोर खराब होता है और भविष्य में दोनों ही लोगों की उधार लेने की क्षमता घट जाती है.
इसके अतिरिक्त, बैंक लोन रिकवरी की प्रक्रिया भी शुरू कर देता है जो कि सीधे तौर पर लोन लेने वाले और गारंटर दोनों पर बुरा असर डालती है.
तीसरे मामले में, अगर कोई अपनी EMI नहीं चुका पाता है तो बैंक शुरुआत में कई नोटिस भेजता है. अगर शख्स रेस्पॉन्ड नहीं करता है और रीपेमेंट नहीं करता है तो बैंक इस लोन को NPA में डाल देता है.
ऐसे हालात में बैंक के पास कानूनी तौर पर गिरवी रखी गई संपत्ति को जब्त करने का हक होता है. बैंक इस संपत्ति की नीलामी कर सकता है ताकि अपने पैसे की वसूली कर सके.
क्या करें?
अगर आप एजुकेशन लोन की EMI नहीं चुका पा रहे हैं तो बैंक ब्रांच जाने से परहेज न करें. मैनेजर से बात करें और उन्हें हालात की जानकारी दें.
अगर बैंक को आपका तर्क जायज लगता है तो वह आपके लोन रीपेमेंट शेड्यूल को रीस्ट्रक्चर कर सकता है.
इसके अलावा, आप EMI चुकाने से कुछ वक्त की छूट देने की मांग भी बैंक से कर सकते हैं. लेकिन, किसी भी हालत में बैंक के भेजे गए नोटिस की अनदेखी न करें.
क्या है आगे का रास्ता?
एजुकेशन लोन आमतौर पर किसी भी शख्स का अपने जीवन में लिया गया पहला लोन होता है. ऐसे में एक अच्छे क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट हिस्ट्री के लिए समय पर EMI चुकाना बेहद जरूरी है.
क्या कहते हैं आंकड़े?
अप्रैल से दिसंबर 2020 के बीच कुल बकाया एजुकेशन लोन 84,965 करोड़ रुपये के थे, इनमें से 9.7% को NPA के तौर पर दर्ज किया गया था. स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी के आंकड़े के मुताबिक, NPA में डाले गए ये कर्ज करीब 8,263 करोड़ रुपये के हैं. इसके अलावा, नर्सिंग और इंजीनियरिंग कैटेगरीज में सबसे ज्यादा डिफॉल्ट दर्ज किए जा रहे हैं.