debt-to-income ratio: मुंबई में रहते 35 साल के राशिद ने 60 लाख रुपये के होम लोन के लिए बैंक में आवेदन दिया था. उनका क्रेडिट स्कोर 800 से ऊपर होने के कारण आवेदन खारिज होने की कोई उम्मीद नहीं थी, लेकिन अचानक राशिद को पता चला कि बैंक ने उनका आवेदन रद्द कर दिया है.
आखिर ऐसा क्यों हुआ? बैंक ने जब उनकी आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन किया तो मालूम पड़ा कि राशिद ने पहले से ही बहुत ज्यादा कर्ज ले रखा है, कार लोन और पर्सनल लोन की वजह से इनकम की तुलना में उनकी देनदारियां बहुत ज्यादा हैं और वह अतिरिक्त कर्ज अदा करने की स्थिति में नहीं है.
बैंक ऐसे केस को रिस्की डेट–टू–इनकम रेशियो (debt-to-income ratio या ऋण–से–आय अनुपात) कहते हैं.
डेट–इनकम रेशियो क्या है?
कर्ज अदा करने की क्षमता को आकलन करने के लिए डेट–टु–इनकम (DTI) अनुपात का उपयोग होता है. इसके लिए व्यक्ति की मिनिमम कर्ज देनदारी को मासिक इनकम से भाग दिया जाता है. ये रेशियो मासिक आधार पर निकाला जाता है. DTI अनुपात से बैंक ये बात का मूल्यांकन करते हैं कि आवेदक की आर्थिक स्थिति उसे और कितना कर्ज लेने की अनुमति देती है.
आदर्श DTI रेशियो कितना है
मान लिजिए, आप की मासिक आय 80,000 रुपये है और आपके होम लोन एवं कार लोन का किस्त 34,400 रुपये है. इस हिसाब से आपका डेट-इनकम अनुपात 43% होता है, जो बहुत ज्यादा है. आदर्श रूप से, आपका ऋण-से-आय अनुपात 36% से कम होना चाहिए. यदि 50% से ज्यादा अनुपात है तो निश्वित रूप से आपका कर्ज काफी ज्यादा है और उसे कम करना बहुत ही आवश्यक है.
डेट–इनकम रेशियो को कम कैसे करें?
लॉकडाउन में कई लोगों की आय कम हुई है, लेकिन कर्ज का स्तर उतना ही रहा है, जिसके कारण उनका डेट–इनकम रेशियो बढ़ गया है. इसे कम करने के लिए आय बढ़ानी चाहिए, जिसके लिए आप ज्यादा सैलरी के विकल्प ढूंढ सकते हैं या पार्ट–टाईम जॉब कर सकते हैं, साइड बिजनेस भी कर सकते हैं. अगर आय बढ़ेगी तो निश्वित रूप से DTI रेशियो नीचे जाएगा.
दूसरा तरीका है आक्रामक बनकर अपने कर्ज का भुगतान करने का. मान लिजिए आपकी मासिक आय 1 लाख रुपये है और आप वर्तमान में प्रत्येक महिने कर्ज पर 52,000 रुपये (40,000 रुपये होम लोन किस्त, 10,000 रुपये कार लोन, 2,000 रुपये क्रेडिट कार्ड) खर्च करते हैं, तो आपका DTI अनुपात 52% है.
इस केस में आपको होम लोन के पार्ट पेमेंट विकल्प का उपयोग करके किस्त को कम करना चाहिए. आप क्रेडिट कार्ड के बकाया को चुका कर कर्ज में कटौती कर सकते हैं.
DTI ज्यादा होने से क्या होगा?
ये अनुपात ज्यादा होने से आपकी मासिक आय का अधिकतम पैसा ऋण भुगतान की ओर चला जाएगा और आपको बिलों का भुगतान करने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है.
DTI अनुपात ज्यादा होने के कारण अतिरिक्त लोन लेना मुश्किल हो जाता है. अधिक DTI रेशियो से आपका क्रेडिट स्कोर सीधे प्रभावित तो नहीं होता लेकिन अधिक अनुपात के कुछ फैक्टर आपके क्रेडिट स्कोर को नुकसान पहुंचा सकते हैं.