Home Loan: कोरोना संक्रमण की वजह से इकोनॉमी पर पड़े असर के बावजूद रियल एस्टेट में खरीदारी का रुझान है. इसके दो कारण हैं – एक तो कीमतें कम हैं तो वहीं लोन पर ब्याज दर भी पिछले कई सालों में सबसे कम है.
होम लोन लेने के लिए ग्राहकों के पास नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों का भी विकल्प है जो बैंक के मुकाबले ज्यादा कम ब्याज दर पर कर्ज देते हैं.
दिग्गज NBFCs में HDFC होम लोन और बजाज हाउसिंग फाइनेंस फाइनेंस 6.75 फीसदी ब्याज दर पर कर्ज जे रहे हैं जो बाकियों के मुकाबले सबसे सस्ता है.
30 लाख रुपये तक के कर्ज के लिए HDFC महिला घर खरीदारों को 6.75 फीसदी पर होम लोन दे रहा है जबकि अन्य ग्राहकों के लिए ये दर 6.8 फीसदी है.
टाटा कैपिटल 6.9 फीसदी पर होम लोन दे रहा है. ये ऑफर 30 जून 2021 तक मिल रहा है.
LIC हाउसिंग फाइनेंस, जो लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की एक सब्सिडियरी है, वो भी 6.9 फीसदी की दर पर होम लोन दे रही है.
इसके अलावा, सुंदरम होम फाइनेंस जैसी कंपनियां घर बनाने के लिए प्लॉट खरीदने के लिए भी कर्ज देती हैं.
बैंकों की ही तरह, NBFC भी एक तरह के वित्तीय संस्थान हैं. ये कंपनियां भी बैंकों की ही तरह अन्य रिटेल लोन देती हैं. हालांकि, इन दोनों में कुछ फर्क भी है.
NBFCs डिमांड डिपॉजिट नहीं ले सकती और ना ही चेक जारी कर सकती हैं. NBFC कंपनियां पेमेंट और सेटलमेंट सिस्टम का हिस्सा नहीं है जो बैंकों का मुख्य काम है.
साथ ही, NBFCs में जमा रकम डिपॉजिट इंश्योरेंस की सुविधा भी नहीं मिलती जो डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गैरंटी कॉरपोरेशन (DICGC) देता है.
अक्सर, NBFCs लोन आवेदन की प्रोसेसिंग में बैंकों के मुकाबले कम समय लगाती हैं. हालांकि, बैंकों ने भी पिछले कुछ सालों में प्रतिस्पर्धा के चलते इस प्रक्रिया में तेजी लाई है.
अक्सर NBFCs ग्राहकों से बैंकों की तुलना में कम कागजात मांगती हैं.
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 47.5 फीसदी होम लोन 25 लाख रुपये से कम के लिए जाते हैं जबकि 24.6 फीसदी लोन 50 से 75 लाख रुपये के बीच होते हैं.
75 लाख से 1.1 करोड़ रुपये के लोन लेने वाले सिर्फ 14.6 फीसदी लोग हैं.