RBI MPC: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज मौद्रिक नीति समीक्षा पेश की. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज सुबह 10 बजे वर्चुअली समीक्षा पेश की. इस दौरान मुद्रास्फीति में तेजी की आशंका के चलते एमपीसी से ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय बैठक बुधवार को शुरू हुई थी. कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) की दूसरी लहर के चलते पैदा हुई अनिश्चितता के कारण नीतिगत दरें बरकरार रहने की संभावना पहले से ही जताई जा रही थी. बता दें कि हर दो महीने के अंतराल पर मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक होती है.
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा पर निवेशकों की नजर थी. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में तेजी के साथ मझोली और छोटी कंपनियों के शेयरों के बेहतर प्रदर्शन से भी बाजार को मजबूती मिली है.
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि उम्मीद से बेहतर जीडीपी (GDP) के आंकड़ों से एमपीसी को ग्रोथ के मोर्चे पर थोड़ी राहत मिली है. हालांकि देश के कई हिस्सों में लगाए गए आंशिक लॉकडाउन जैसे प्रतिबंधों के चलते ग्रोथ को लेकर नकारात्मक जोखिम तेज हो गए हैं. ऐसे में संभावना थी कि आरबीआई अपने उदार मौद्रिक नीति रुख को जारी रखेगा और सतर्क दृष्टिकोण के साथ रेपो दर को 4 फीसदी पर बनाए रखेगा.
RBI ने पिछली तीन बैठकों में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. इसके पहले अप्रैल माह में एमपीसी की बैठक हुई थी. इस समय रेपो रेट (Repo Rate) 4 फीसदी पर और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर है. ब्याज में कटौती की उम्मीद कम होने के बावजूद केंद्रीय बैंक से बाजार को अपेक्षा है कि वह पर्याप्त तरलता सुनिश्चित करने का प्रबंध करेगा.
रिजर्व बैंक ने आखिरी बार 22 मई 2020 में नीतिगत दरों संशोधन किया था. उस समय मांग को प्रोत्साहन के लिए केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक का इंतजार किए बिनाही दरों में कटौती की थी. केंद्रीय बैंक पिछले साल फरवरी से रेपो दर में 1.15 फीसदी की कटौती की चुका है.
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