Education Loan: गुजरे कुछ वर्षों में पढ़ाई के खर्च में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. खासतौर पर बच्चों की उच्च शिक्षा पर आपको मोटी रकम खर्च करनी पड़ती है. इस वजह से तमाम लोगों को हायर एजूकेशन के लिए लोन लेना पड़ता है. लेकिन, एजूकेशन लोन (Education Loan) लेते वक्त कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए. यहां हम आपको इसी से जुड़ी हुई जानकारियां दे रहे हैं.
इन बातों का रखें ध्यान
बैंक आसानी से एजूकेशन लोन (Education Loan) दे देते हैं, लेकिन इसे लेने से पहले आप जिस कॉलेज में एडमिशन ले रहे हैं उसके बारे में भी रिसर्च कर लेना चाहिए. कॉलेज कैसा है, उसका फ्यूचर प्रॉस्पेक्ट्स कैसा है, वहां प्लेसमेंट है की नहीं, उस कॉलेज के साथ लोन के टाइअप्स हैं या नहीं, उस कॉलेज की ब्रैंड वैल्यू कैसी है ये सारी बातें आपको देखनी चाहिए.
मान लीजिए आपने टियर-2 या 3 के किसी कॉलेज में एडमिशन लिया और इसके लिए 4 या 5 लाख रुपये का लोन ले लिया. बाद में पता चला कि वहां कोई प्लेसमेंट होता ही नहीं तो आपके पैरेंट्स के ऊपर वित्तीय बोझ पड़ेगा.
किन्हें मिलता है लोन
किसी भी भारतीय नागरिक जिसकी उम्र 16 से 35 साल की है उसे एजूकेशन लोन (Education Loan) मिलता है. उम्र के बारे में बैंकों का अलग-अलग क्राइटेरिया हो सकता है. ग्रेजुएशन या किसी प्रोफेशनल कोर्स के लिए लोन लिया जा सकता है.
इसके अलावा, आपका एडमिशन कंफर्म होना चाहिए किसी भी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में जो युजीसी, गवर्नमेंट या AICTE एप्रूव्ड हो. अगर आप विदेश में पढ़ने जा रहे हैं तो आपको उस यूनिवर्सिटी या कॉलेज से एडमिशन का कंफर्म लेटर मिलना चाहिए. तभी आपको कोई बैंक लोन देगा. आपको ये लोन ग्रेजुएट या पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्स के लिए मिल जाता है. कुछ बैंक पायलट, एयरहोस्टेस जैसे वोकेशनल ट्रेनिंग कोर्सेज के लिए भी लोन देते हैं.
को-एप्लिकेंट जरूरी
एजूकेशन लोन (Education Loan) के अंदर को-एप्लिकेंट अनिवार्य है. अगर आप कोई कोर्स करने जाते हैं और आपको जॉब नहीं मिलती है जिसके कारण लोन रीपेमेंट नहीं कर पाते हैं तो इसे चुकाने की जिम्मेदारी को-एप्लिकेंट की होती है. को-एप्लिकेंट आपके पैरेंट्स, गार्जियन, पति या पत्नी, या सास-ससुर भी हो सकते हैं.
क्या कवर होता है?
एजुकेशन लोन (Education Loan) में कॉलेज की फीस, पढ़ाई के लिए कंप्यूटर, लाइब्रेरी, हॉस्टल फीस, रहने का खर्च, बुक्स, लैपटॉप जैसे इक्विपमेंट आदि जरूरत के खर्च शामिल होते हैं.
कितना मिलता है लोन
अगर भारत में पढ़ाई करनी है तो बैंक 15 लाख रुपये तक का लोन देते हैं. विदेशों में पढ़ाई के लिए सरकारी बैंक 20 या 25 लाख और कुछ निजी बैंक 75 लाख रुपये तक का भी लोन देते हैं.
सिक्योरिटी
4 लाख रुपये तक के एजूकेशन लोन (Education Loan) के लिए कोई सिक्योरिटी जमा कराने की जरूरत नहीं होती है, लेकिन पैरेंट्स को ज्वॉइंट बौरोअर के रूप में शामिल किया जाता है.
4 से 7.5 लाख तक की लोन के लिए पैरेंट्स ज्वॉइंट बौरोअर बनेंगे. इसके अलावा बैंक थर्ड पार्टी गारंटर भी मांगते हैं. ये आपका रिलेटिव हो सकता है.
7.5 लाख रुपये से ऊपर के लोन में आपको ज्वॉइंट बौरोअर के साथ एक कोलेट्रल सिक्योरिटी भी देनी होगी. यानी आपको प्रॉपर्टी, FD, इंश्योरेंस, जमीन इत्यादि कोइ भी चीज बैंक के पास गिरवी रखनी पड़ेगी.
लोन चुकाने की प्रक्रिया
लोन चुकाने की प्रक्रिया कोर्स खत्म होने के 6 महीने बाद ही शुरू होती है. बैंक 6 महीने से 1 साल का समय भी देते हैं, ताकि नौकरी लग जाने के बाद रीपेमेंट लिया जाए.
आमतौर पर 5 से 7 साल में एजुकेशन लोन (Education Loan) की रकम को चुकाना पड़ता है, लेकिन बैंक रीपेमेंट के समय को बढ़ा भी सकते हैं. कोर्स के दौरान सिंपल इंटरेस्ट ही लोन पर लिया जाता है और ईएमआई के तौर पर सामान्य ब्याज को चुकाना पड़ता है.
ब्याज दरों की बात करें तो विभिन्न बैंको के अलग अलग ब्याज दर हैं. SBI 9.30% के दर से लोन देता है. इसमें लड़कियों को 0.50% छूट है. बढ़िया छात्रों के लिए करीब 7% से 8% ब्याज दर है.
मार्जिन मनी
कोई भी बैंक आपको 100% लोन नहीं देता है. 4 लाख से ज्यादा अमाउंट है और इंडिया में पढ़ रहे हैं तो 5% मार्जिन मनी भरनी पड़ेगी.
मान लीजिए 5 लाख रुपये का कोर्स है तो आपको 25 हजार रुपये भरने पड़ेंगे. अगर आप विदेश में पढ़ने जाते हैं तो 15% मार्जिन मनी भरनी पड़ेगी.
इनकम टैक्स की धारा 80E के तहत एजूकेशन लोन (Education Loan) के ब्याज भुगतान पर टैक्स छूट मिलती है और टैक्स क्लेम किया जा सकता है.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।