Joint Home Loan: हर किसी का अपना आशियाना बनाने का सपना होता है. लेकिन, कई बार आय संबंधी जैसी अड़चनों के चलते इस सपने को पूरा करने में मुश्किल होती है. कई बार ज्यादा EMI होने की वजह से भी हाथ पीछे खींचने पड़ जाते हैं. कई बार लोगों को कम इनकम, कर्ज और आय का अनुपात या सही क्रेडिट स्कोर न होने के कारण लोन लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. ऐसे में किसी दूसरे व्यक्ति को आवेदक के तौर पर अपने साथ जोड़कर लोन लेने के लिए योग्यता में इजाफा होता है. जब आप एक ऐसे व्यक्ति के साथ मिलकर ज्वॉइंट होम लोन (Joint Home Loan) लेते हैं, जिसका क्रेडिट स्कोर मजबूत है और उसकी भुगतान करने की क्षमता अच्छी है, तो लोन लेने में आसानी रहती है. इसलिए आप ज्वॉइंट होम लोन (Joint Home Loan) के विकल्प की ओर जा सकते हैं. यहां हम आपको यही बताने जा रहे हैं.
आगरा की संजय प्लेस शाखा के HDFC बैंक के मैनेजर पीयूष प्रभाकर के मुताबिक, “ऐसे बहुत से केस आते हैं, जिसमें पति और पत्नी ज्वॉइंट रूप से लोन लेते हैं. बशर्ते पति के साथ पत्नी भी नौकरी करती हो. यह विकल्प काफी फायदेमंद भी होता है. पति-पत्नी साथ में लोन लेते हैं तो बैंक उनको ज्यादा राशि पर लोन देते हैं. वहीं, पत्नी अगर पत्नी फर्स्ट एप्लिकेंट होती है तो यह फायदे और बढ़ जाते हैं. इस स्थिति में महिला को .05 से लेकर .1 फीसदी तक ब्याज दरों में छूट मिल जाती है.”
सीए सर्वेश वाजपेयी के मुताबिक, “इनकम टैक्स एक्ट 24(b) के तहत होम लोन के ब्याज पर 2 लाख तक छूट क्लेम कर सकते हैं, जबकि इनकम टैक्स एक्ट 80C के तहत प्रिंसिपल अमाउंट पर 1.5 लाख तक का क्लेम किया जा सकता है. ऐसे में यह छूट दोगुनी हो जाती है. साथ ही महिलाओं को घर की रजिस्ट्री कराते वक्त भी स्टैंप ड्यूटी में 2 फीसदी तक की छूट देती हैं. इससे 1 करोड़ रुपये की संपत्ति पर कम से कम 2 लाख रुपये का फायदा होता है.
ज्वॉइंट लोन केवल पति पत्नी ही नहीं, परिवार में और भी लोग ले सकते हैं, लेकिन अगर परिवार में दो लोग कमाने वाले हों और जो प्रॉपर्टी आपने खरीदी है, उसमें भाई-बहन को छोड़कर परिवार के अन्य सदस्यों जैसे कि मां-बेटा, मां-बेटी, पिता-बेटा, पिता-बेटी या फिर वाइफ-हसबैंड का नाम है तो बैंक आपको ज्वॉइंट लोन अकाउंट खोलने के लिए कह सकता है. कई वित्तीय संस्थान बैंक भाई-बहन के साथ ज्वॉइंट होम लोन नहीं देते. जबकि माता-पिता, पति या पत्नी के साथ संयुक्त होम लोन आसानी से मिल जाता है.
ज्वॉइंट होम लोन के मामले में भी सिबिल स्कोर मायने रखता है. ज्वॉइंट होम लोन लेते समय दोनों एप्लिकेंट्स का सिबिल स्कोर अच्छा होना चाहिए. अगर को-एप्लिकेंट का स्कोर अच्छा नहीं है तो लोन लेने में परेशानी आ सकती है. वहीं, टैक्स छूट हासिल करने के लिए जरूरी है कि दोनों एप्लीकेंट साथ-साथ ईएमआई का भुगतान करें. यदि सिर्फ एक व्यक्ति ही ईएमआई का भुगतान करता है तो दूसरा इनकम टैक्स में छूट भी क्लेम नहीं कर सकता है.
ज्वॉइंट होम लोन के नुकसान भी हैं. मसलन, अगर आपका पार्टनर होम लोन का भुगतान नहीं करता या किस्त डिफॉल्ट कर देता है तो इसकी ज़िम्मेदारी आप पर होगी और आपको आगे होम लोन लेने में परेशानी आ सकती है. ऐसी स्थिति में एक बार बैंक से जरूर बात करनी चाहिए.
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