पैसों की किल्लत है तो शॉर्ट-टर्म लोन से दूर होगी आपकी मुश्किल

आप पर्सनल लोन ले सकते हैं, लेकिन कुछ दिन के लिए पैसों की जरूरतों के लिए शॉर्ट-टर्म लोन ले सकते हैं. कम अवधि के लिए ऐसे लोन लिए जाते हैं.

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एजुकेशन लोन स्कीम स्टूडेंट को लंबी अवधि के लिए लोन लेने का फायदा देती है.

एजुकेशन लोन स्कीम स्टूडेंट को लंबी अवधि के लिए लोन लेने का फायदा देती है.

परिवार के सदस्य को अचानक से अस्पताल में भर्ती करना पड़े या एक्सीडेंट के कारण कार को नुकसान हो जाए या सरकारी कॉलेज में दाखिला न मिलने पर निजी संस्था में फीस भरने की नौबत आ जाए या बिजनेस में बड़ा ऑर्डर पूरा करने के लिए मटीरियल खरीदना पड़े, ये सारी ऐसी जरूरतें हैं जिसके लिए आपको इमर्जेंसी फंड की जरूरत पड़ती है. ऐसा फंड न हो तो रिश्तेदारों या दोस्तों से उधारी मांगनी पड़ती है. अगर वहां से भी आपको पैसे न मिलें तो शॉर्ट-टर्म लोन से आप काम चला सकते हैं.

वैसे तो आप पर्सनल लोन ले सकते हैं, लेकिन कुछ दिन के लिए पैसों की जरूरतों के लिए शॉर्ट-टर्म लोन ले सकते हैं. कम अवधि के लिए ऐसे लोन लिए जाते हैं. ये लोन तुरंत मिल जाते हैं.

ऐसे लोन ज्यादा से ज्यादा 6 महिने के अंदर चुकानी होती है. ऐसी लोन के लिए कुछ कंपनियां सिक्योरिटी भी नहीं मांगती. शॉर्ट-टर्म लोन चुकाने की अवधि काफी फ्लेक्सिबल होती है.

पर्सनल खर्चे के लिए भी ऐसे लोन मिलते हैं. मान लीजिए आपकी सैलरी देर से हो रही हो या कोई बड़ा खर्चा आने की वजह से पैसे की किल्लत हो, तो आप पेडे (Payday) लोन, कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन, हॉलिडे लोन वगैरह ले सकते हैं. बिजनेस के लिए भी ऐसा लोन मिलता है, लेकिन उसमें आपकी साख देखी जाती है और सिक्योरिटीज देनी पड़ती है.

Payday लोन

महीने के आखिरी दिनों में पैसे की तंगी हो और सैलरी आने में काफी दिन बाकी हो तब लोग ये लोन लेते हैं. 1 दिन से 100 दिन की अवधि के लिए और 10,000 रुपये जितनी छोटी अमाउंट के लिए ये लोन ले सकते हैं. सैलरी शुरू होते ही आपको लोन का भुगतान करना होता है. इसका ब्याज दर पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड के दर से ज्यादा होता है. 30 दिन का रेट 4.5% तक का होता है, यानी सालाना 54%.

नौकरी से लोन

कुछ कंपनियां कर्मचारियों को एडवांस सैलरी का विकल्प देती हैं, इसका इंटरेस्ट रेट काफी कम होता है या जीरो होता है. कंपनी हर महीने आपकी सैलरी से पैसा काटती है. ऐसा एडवांस या लोन लेने में टैक्स का ध्यान रखें क्योंकि कंपनियां इसे सेक्शन 17(2) के तहत परक्विसिट (perquisite) कैटेगरी में डाल कर टैक्स काटती है. यदि ये अमाउंट 20,000 रुपये से ज्यादा न हो और मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए यूज की गई हो तो आप एग्जेंप्शन मांग सकते हैं.

क्रेडिट कार्ड के सामने पर्सनल लोन

यदि क्रेडिट कार्ड की रिपेमेंट हिस्ट्री अच्छी हो तो उसके सामने पर्सनल लोन ले सकते हैं. आप बिना कोई सिक्योरिटी या पोस्ट-डेटेड चेक के बिना पर्सनल लोन ले सकते हैं.

किसे मिलेगा लोन

शॉर्ट-टर्म लोन लेने के लिए आपका क्रेडिट स्कोर और दो साल का इनकम टैक्स रिटर्न चेक किया जाता है. आपको आईडी प्रूफ और एड्रेस प्रूफ दिखाना पड़ता है. क्रेडिट स्कोर कम हो तो ज्यादा रेट लगता है. रेट का आधार आपकी इनकम, लोन अमाउंट और रिपेमेंट की अवधि पर निर्भर है.

एक्सपर्ट की राय

इनकम टैक्स प्रेक्टिशनर CA सिद्धार्थ सोलंकी बताते है, “आप लोन का भुगतान कैसे कर पाएंगे ये जानने के बाद ही शॉर्ट-टर्म लोन के बारे में सोचें. ऐसी लोन आसानी से तो मिल जाएगी, लेकिन छोटी-छोटी जरूरतों के लिए ऐसी लोन लेना बेवकूफी है. आपको ऐसी जरूरतों का सामना करने के लिए इमर्जंसी फंड रखना चाहिए. बिना सिक्योरिटीज को मिलने वाली लोन का रेट ऑफ इंटरेस्ट बहुत ज्यादा होता है, इसलिए ऐसी लोन लेने की नौबत आ जाए तो उससे जल्द छूटकारा पाने के बारे में सोचे.”

Published - June 3, 2021, 05:23 IST