नासिक में पत्नी, दो बेटों और मां के साथ रहने वाले 50 वर्षीय रणजीत शिंदे निजी कंपनी के कर्मचारी हैं. पिछले साल के लॉकडाउन में उनकी कंपनी को ताला लगने के बाद शिंदे की वित्तीय समस्याओं की शुरुआत हुई थी और अब तौकते चक्रवात की वजह से गांव का मकान तूटने से शिंदे को बड़ा आर्थिक झटका लगा है.
उन्हें पैसे की जरूरत है, लेकिन पहले से ही चल रहे होम लोन की वजह से बैंक लोन देने को तैयार नहीं है. ऐसे हालात में डाकघर की स्कीम उनके लिए संजीवनी साबित हुई है. शिंदे ने डाकघर में रेकरिंग डिपॉजिट अकाउंट खुलवाया था और वहां से उन्हें लोन मिल गया.
शिंदे जैसे कई लोग वित्तीय समस्ताओं से जूझ रहे हैं. उन्हें बैंक से भी लोन मिलने में दिक्कत आ रही है. हालांकि, इन सबके बावजूद कुछ ऐसे रास्ते बचे हैं जिसके जरिए आप लोन पा सकते हैं. इनमें से एक जरिया डाकघर भी है. यदि आप डाकघर की इन योजनाओं के सदस्य हैं तो आपको कर्ज मिल सकता है.
डाकघर की RD स्कीम से लोन
पॉस्ट ऑफिस में रेकरिंग डिपॉजिट (RD) खाता खुलवाने और इसे 1 वर्ष तक चालू रखने के बाद जमाकर्ता के खाते में मौजूद रकम का 50% तक लोन मिल सकता है.
आप इस कर्ज को एकमुश्त या समान मासिक किस्तों में चुका सकते हैं. इस पर लगने वाला ब्याज RD खाते पर लागू ब्याज दर +2% की दर के रूप में लागू होगा.
इन पर अभी सालाना (त्रैमासिक चक्रवृद्धि) 5.8 फीसदी ब्याज मिल रहा है. लोन पर ब्याज की गणना भुगतान की तिथि से वापसी जमा की तिथि तक की जाएगी. यदि परिपक्वता तक लोन नहीं चुकाया जाता है, तो RD खाते के परिपक्वता मूल्य से लोन और ब्याज काट लिया जाएगा.
इस खाते से लोन लेने के लिए आपको संबंधित डाकघर में अपनी पासबुक और लोन का फॉर्म जमा करवाना पड़ेगा.
डाकघर के PPF खाते से लोन
15 वर्षीय सार्वजनिक भविष्य निधि खाता (PPF) स्कीम में सदस्यता के वित्त वर्ष के अंत से एक वर्ष की समाप्ति के बाद आप लोन ले सकते हैं, यानी कि अगर आपने 2020-21 के दौरान खाता खुलवाया है तो आपको 2022-23 में इस पर लोन मिल सकता है. प्रारम्भिक सदस्यता के वित्त वर्ष के अंत से एक वर्ष की समाप्ति के बाद 5 वर्ष पूर्ण होने से पहले लोन लिया जा सकता है.
PPF पर 7.1% वार्षिक ब्याज मिलता है. इसमें लोन की शर्तें इस तरह से हैंः
– लोन को उस वर्ष के पूर्व में बैलेंस की रकम के 25% तक लिया जा सकता है.
– एक वित्त वर्ष में केवल एक लोन लिया जा सकता है.
– दूसरा लोन तब तक नहीं दिया जाएगा जब तक कि पहले कर्ज को चुकाया नहीं जाता है.
– यदि लिए गए लोन को 36 माह के भीतर चुकाया जाता है, तो लोन की ब्याज दर 1% प्रति वर्ष लागू होगी.
– यदि लिए गए कर्ज को 36 माह के बाद तक चुकता किया जाता है तो कर्ज की ब्याज दर 6% सालाना के हिसाब से लागू होगी.
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