यूं बदल सकते हैं आप अपने लोन रीपेमेंट का तरीका

अपने लोन्स को आप स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शंस, पोस्ट-डेटेड चेक और इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरिंग सर्विस के जरिए चुका सकते हैं.

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चेक इश्यू करने के साथ ही अब अपने बैंक खाते में उतनी रकम रखनी होगी. ऐसा नहीं करने पर चेक बाउंस का खतरा बना रहेगा और चेक बाउंस होने की स्थिति में आपको जुर्माना भरना पड़ सकता.

चेक इश्यू करने के साथ ही अब अपने बैंक खाते में उतनी रकम रखनी होगी. ऐसा नहीं करने पर चेक बाउंस का खतरा बना रहेगा और चेक बाउंस होने की स्थिति में आपको जुर्माना भरना पड़ सकता.

हम में से कई लोग बैंक और दूसरे गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों से लिए गए कर्जों को चुकाते हैं. अगर आप अपने लोन के रीपेमेंट तरीके को बदलना चाहते हैं तो यहां हम आपको इसकी जानकारी दे रहे हैं.

किसी लोन को चुकाने के लिए आपको तीन तरह के पेमेंट तरीकों में से किसी एक को चुनना पड़ता है. अपने लोन्स को आप स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शंस, पोस्ट-डेटेड चेक और इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरिंग सर्विस के जरिए चुका सकते हैं.

स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन

अगर आप अपनी EMI चुकाने के ECS तरीके या पोस्ट डेटेड चेक के तरीके को स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन में तब्दील करना चाहते हैं तो आपको ये प्रक्रिया अपनानी होगी.

आपको अपने रीपेमेंट इंस्ट्रक्शन को बदलने का रिक्वेस्ट फॉर्म मांगना होगा. आपको लोन वाले बैंक और लोन अकाउंट नंबर वाले तीन चेक जारी करने होंगे. इनमें 3 ईएमआई की रकम दर्ज होगी.

अगर कोई बेयरर आपकी ओर से रिक्वेस्ट सबमिट करता है तो केवाईसी के साथ बेयरर ऑथराइजेशन भी मुहैया कराना होगा.

ECS इंस्ट्रक्शन

अगर आप स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शंस या पोस्ट डेटेड चेक या ECS से पेमेंट के तरीके को बदलना चाहते हैं तो आपको रीपेमेंट इंस्ट्रक्शंस के स्वॉप के लिए रिक्वेस्ट फॉर्म लेना होगा. आपको लोन वाले बैंक और लोन अकाउंट नंबर के साथ एक सिक्योरिटी चेक जारी करना होगा.

इसमें भरे गए और बैंकर के वेरिफाई किए गए ECS मैंडेट की जरूरत होती है. साथ ही आपको स्वॉप चार्ज के तौर पर 500 रुपये देने पड़ते हैं. आपको हर 6 EMI के लिए एक सिक्योरिटी चेक जारी करना पड़ता है.

हर सिक्योरिटी चेक का अमाउंट 3 EMI के बराबर होता है.

अगर कोई बेयरर आपकी ओर से रिक्वेस्ट देता है तो KYC दस्तावेजों के साथ एक बेयरर ऑथराइजेशन की जरूरत होगी.

पोस्ट-डेटेड चेक

ये प्रक्रिया केवल तब लागू होगी जबकि बैंक के पास ECS की सुविधा न हो. अगर आप मोड ऑफ पेमेंट को स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शंस या ECS से बदलकर पोस्ट-डेटेड चेक करना चाहते हैं तो आपको रीपेमेंट इंस्ट्रक्शंस के स्वॉप का फॉर्म लेना होगा.

आपको एक रिवाइज्ड पोस्ड डेटेड चेक बकाया EMI के लिए जारी करना होगा. ये चेक लोन वाले बैंक के नाम होगा.

इसमें आपको लोन वाले बैंक को 500 रुपये स्वॉप चार्ज के देने होंगे.

अगर आपकी ओर से कोई बेयरर ये रिक्वेस्ट देता है तो बेयरर ऑथराइजेशन और केवाईसी दस्तावेज भी बैंक को मुहैया कराने होंगे.

Published - May 27, 2021, 04:57 IST