वित्त मंत्रालय ने रविवार को 3 लाख करोड़ रुपये की आपातकालीन लोन सुविधा गारंटी योजना (ECLGS) का दायरा बढ़ाने की घोषणा की. इसके तहत अस्पतालों को अब ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने को लेकर रियायती दर पर कर्ज मिलेगा.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि इसके अलावा योजना की वैधता तीन महीने बढ़ाकर 30 सितंबर या 3 लाख करोड़ रुपये का गारंटीशुदा कर्ज जारी होने तक कर दी गई है.
योजना के तहत कर्ज वितरण की अवधि बढ़ाकर 31 दिसंबर की गई है.
कोविड के चलते बढ़ाया दायरा
इसमें कहा गया है, ‘‘कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार के सामने आ रही मुश्किलों को देखते हुए सरकार ने आपातकालीन लोन सुविधा गारंटी योजना (ECLGS) के दायरे को और बढ़ा दिया है.’’
बयान के मुताबिक, ECLGS 4.0 के तहत, अस्पतालों, नर्सिंग होम, क्लीनिक, मेडिकल कॉलेजों को परिसर में ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने के लिए 2 करोड़ रुपये तक के लोन के लिए 100 फीसदी गारंटी दी जाएगी.
इन कर्जों के लिए ब्याज दर की सीमा 7.5% तय की गई है. यानी बैंक इस सीमा से कम दर पर कर्ज दे सकते हैं.
मिलेगी रियायत
मंत्रालय के मुताबिक, ‘‘5 मई, 2021 के RBI के दिशानिर्देशों के मुताबिक, जो लोन लेने वाले रीस्ट्रक्चरिंग के लिए योग्य हैं और जिन्होंने 4 साल के समग्र कार्यकाल के ECLGS 1.0 के तहत लोन लिया था (जिसमें पहले 12 महीनों के दौरान केवल ब्याज चुकाने के साथ बाद के 36 महीनों में मूलधन और ब्याज चुकाने का प्रावधान शामिल था), वे अब अपने ECLGS लोन के लिए 5 वर्ष की अवधि का लाभ उठाने में सक्षम होंगे. यानी पहले 24 महीनों के लिए केवल ब्याज चुकाने के साथ बाद के 36 महीनों में मूलधन और ब्याज की अदायगी करने की जरूरत होगी.’’
10% के बराबर अतिरिक्त रकम मिलेगी
बयान में कहा गया है कि नई योजना के तहत पांच मई, 2021 के RBI दिशानिर्देशों के अनुसार रीस्ट्रक्चरिंग के साथ ECLGS 1.0 के अंतर्गत कवर किए गए लोन लेने वालों को 29 फरवरी, 2020 तक के बकाये के 10 फीसदी तक की राशि के बराबर की अतिरिक्त ECLGS सहायता उपलब्ध होगी.
इसमें कहा गया है, ‘‘सरकार ने ECLGS 3.0 के तहत पात्रता के लिए 500 करोड़ रुपये के लोन बकाये की वर्तमान सीमा को हटा दिया है. लेकिन, यह इस शर्त पर है कि हरेक उधार लेने वाले को अधिकतम अतिरिक्त ECLGS सहायता 40 फीसदी या 200 करोड़ रुपये, इनमें से जो भी कम हो, तक सीमित हो.
इसके अलावा, ECLGS 3.0 के तहत कर्ज के लिए नागरिक उड्डयन सेक्टर भी योग्य होगा.
मंत्रालय ने कहा, ‘‘ECLGS में किए गए ये संशोधन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) को अतिरिक्त सहायता प्रदान करने, आजीविका को सुरक्षित करने और व्यवसायिक गतिविधियों को निर्बाध रूप से दोबारा शुरू करते हुए ECLGS की उपयोगिता और प्रभाव को मजबूत करेंगे. इन बदलावों से उचित शर्तों पर संस्थागत ऋण की सुविधा सुनिश्चित होगी.’’
होटल, मनोरंजन सेक्टर शामिल
ECLGS 3.0 के तहत होटल, यात्रा और पर्यटन, मनोरंजन और खेल-कूद (स्पोर्टिंग) से जुड़े क्षेत्रों को शामिल किया गया है. इसमें वे इकाइयां हैं जिन पर 29 फरवरी, 2020 की स्थिति के अनुसार कुल कर्ज बकाया 500 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है. साथ ही अगर कोई पिछला बकाया है तो वह 60 दिन या उससे कम हो.
ECLGS-3 के तहत कर्ज की मियाद 6 साल होगी. इसमें 2 साल की मोहलत अवधि शामिल हैं.
योजना के तहत वाणिज्यिक बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां फरवरी अंत तक 3 लाख करोड़ रुपये में से 2.46 लाख करोड़ रुपये मंजूर कर चुकी थी.
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