Stand-Up India: मोदी सरकार ने 2016 में स्टैंडअप इंडिया (Stand-Up India) स्कीम को लॉन्च किया था. 5 अप्रैल 2021 को वित्त मंत्रालय ने इस स्कीम के परफॉर्मेंस का ब्योरा जारी किया है. इस स्कीम के तहत अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और महिला आंत्रप्रेन्योर्स को मदद दी जाती है. सरकार की इस स्कीम को जबरदस्त रेस्पॉन्स मिला है. इस स्कीम के पांच साल पूरे हो गए हैं और सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, इस स्कीम के तहत अपना कारोबार खड़ा करने के लिए 25,000 करोड़ रुपये से ज्यादा कर्ज लोगों को दिए गए हैं.
इस स्कीम को 5 अप्रैल 2016 को लॉन्च किया गया था और इस तरह से इस स्कीम के पांच साल पूरे होने पर सरकार ने इसके ब्योरे जारी किए हैं. इसके प्रदर्शन से उत्साहित होकर सरकार ने इस स्कीम को 2025 तक बढ़ाने का फैसला किया है.
Stand up India Scheme was launched on 5th April 2016 to promote entrepreneurship at grassroot level focusing on economic empowerment and job creation. This scheme has been extended up to the year 2025. (1/6)#EmpoweringEnterprisingSCSTandWomen@nsitharamanoffc @Anurag_Office
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) April 5, 2021
वित्त मंत्रालय ने बताया है कि पिछले 5 साल में (23.03.2021 तक) इस स्कीम के जरिए 1,14,322 खातों को 25,586 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं.
इस स्कीम का फोकस SC/ST और महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने पर है. गुजरे पांच वर्षों में स्टैंडअप इंडिया (Stand-Up India) के तहत कुल 16,258 SC खातों को 3,335.87 करोड़ रुपये मुहैया कराए गए हैं. ST उद्यमियों को 4,970 खातों के जरिए 1,049.72 करोड़ रुपये दिए गए हैं. इसके अलावा, महिलाओं को उद्यम लगाने के लिए 21,200.77 करोड़ रुपये दिए गए हैं. इस दौरान कुल 93,094 महिलाओं को स्टैंडअप इंडिया (Stand-Up India) के तहत लोन दिए गए हैं.
क्या है स्कीम?
स्टैंडअप इंडिया (Stand-Up India) में उद्यम लगाने वाले SC/ST और महिलाओं को बैंकों के जरिए 10 लाख रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये तक का लोन मिल सकता है. इसके तहत लोग मैन्युफैक्चरिंग, सर्विसेज या ट्रेडिंग सेक्टर और कृषि से जुड़ी गतिविधियों के लिए ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट लगा सकते हैं.
स्टैंडअप इंडिया (Stand-Up India) में खासतौर पर अनुसूचित जातियों, जनजातियों और महिलाओं को बढ़ावा देने की कोशिश की गई है. इसमें कहा गया है कि किसी भी नॉन-इंडीविजुअल एंटरप्राइज में कम से कम 51 फीसदी हिस्सेदारी SC/ST या महिला उद्यमी की होनी चाहिए.
इसके अलावा इसमें एक बड़ा प्रावधान ये भी है कि इसमें प्रोजेक्ट कॉस्ट की 25 फीसदी तक की मार्जिन मनी की जरूरत को घटाकर 15 फीसदी कर दिया गया है.
कैसे ले सकते हैं एप्लाई?
इसके तहत लोन लेने के लिए शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंकों तक तीन तरीके से पहुंचा जा सकता है. इसके तहत या तो उद्यमी सीधे ब्रांच जाकर आवेदन कर सकते हैं. या फिर आप स्टैंडअप इंडिया पोर्टल (http://standupmitra.in) के जरिए भी इस स्कीम के लिए एप्लाई कर सकते हैं. इसके अलावा, आप लीड डिस्ट्रिक्ट मैनेजर से भी इस स्कीम के लिए मिल सकते हैं.
स्टैंडअप इंडिया स्कीम (Stand-Up India) के तहत लोन लेने के लिए एक शर्त ये है कि लोन लेने वाले शख्स ने किसी बैंक या वित्तीय संस्थान में किसी लोन पर डिफॉल्ट न किया हो.