Credit Card Default: किसी भी दूसरे लोन की तरह से ही क्रेडिट कार्ड्स में भी डिफॉल्टर होते हैं और दूसरे लोन की तरह से ही इनमें डिफॉल्टर्स को पेनाल्टी भी चुकानी पड़ती है.
लेकिन, क्या अगर कोई क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का पेमेंट नहीं कर पाए तो उसे जेल भी जाना पड़ सकता है?
अगर कोई कस्टमर लगातार छह महीने तक क्रेडिट कार्ड कंपनी का न्यूनतम अमाउंट भी नहीं चुका पाता है तो उसे डिफॉल्टर लिस्ट में डाल दिया जाता है और उसके क्रेडिट कार्ड अकाउंट को तत्काल डीएक्टिवेट कर दिया जाता है.
यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगर आप क्रेडिट कार्ड (Credit Card) पेमेंट पर डिफॉल्ट कर जाते हैं तो इसके क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं.
ब्लैकलिस्ट
अगर आप क्रेडिट कार्ड का पेमेंट रेगुलर तौर पर नहीं कर पाते हैं तो बैंक और क्रेडिट कार्ड (Credit Card) कंपनियां आपको ब्लैकलिस्ट कर सकती हैं. आपका डिफॉल्ट सभी क्रेडिट ब्यूरो के साथ भी साझा किया जाता है.
ये जानकारी फिर सभी बैंकों तक पहुंच जाती है. इससे आपकी भविष्य की कर्ज की जरूरतों पर बुरा असर पड़ सकता है.
क्रेडिट कार्ड ब्लॉक
बैंक डिफॉल्टर कस्टमर के क्रेडिट कार्ड (Credit Card) को ब्लॉक कर देते हैं ताकि वह कार्ड का इस्तेमाल न कर पाए. कार्डहोल्डर इसका इस्तेमाल खरीदारी करने या सर्विसेज के लिए पेमेंट में नहीं कर सकता.
कार्ड को अनब्लॉक कराने के लिए कस्टमर को सबसे पहले अपने सभी बकाया को चुकाना पड़ता है.
कानूनी कार्रवाई
क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का पेमेंट नहीं करने वालों के खिलाफ बैंक कानूनी कार्रवाई भी कर सकता है. क्रेडिट कार्ड डिफॉल्टर का नाम डिफॉल्टर्स की लिस्ट में भी डाला जा सकता है.
इससे एक सिविल मुकदमा भी शुरू हो सकता है.
रिकवरी एजेंट
आमतौर पर बैंक बिल्स का भुगतान करने के लिए कस्टमर्स को कुछ दिन का वक्त देते हैं. इसे 60 दिन से 90 दिन तक बढ़ाया भी जा सकता है.
अगर इस अवधि में भी पेमेंट नहीं किया जाता है तो इस केस को बैंक के रिकवरी हाउस को भेज दिया जाता है. रिकवरी एजेंट्स कार्डहोल्डर से संपर्क करते हैं और उसे बिल का जल्द से जल्द भुगतान करने के लिए कहते हैं.
क्रेडिट स्कोर
अगर आप पेमेंट नहीं कर पाते हैं तो आपकी क्रेडिट रेटिंग में भी गिरावट आती है.
क्या जेल भी जाना पड़ सकता है?
ज्यादातर बैंक आमतौर पर न्यूनतम पेमेंट के लिए एक पर्याप्त समय देते हैं. बकाया रकम को रिकवर करने के लिए आखिरी स्टेप के तौर पर क्रेडिट कार्ड (Credit Card) कंपनियां एक सिविल मुकदमा दायर करती हैं.
आमतौर पर सिविल मामलों के लिए क्रिमिनल केस नहीं फाइल किया जाता है और ऐसे में ऐसे शख्स को जेल नहीं भेजा जा सकता है.
जुर्माना
60 से 90 दिन के बाद भी बकाया रकम का भुगतान न करने पर बैंक पीनल इंटरेस्ट चार्ज करते हैं. ये ब्याज बहुत ज्यादा हो सकता है.
आमतौर पर ये 6 फीसदी से लेकर 20 फीसदी तक होता है. इससे आपकी चुकाई जाने वाली बकाया रकम तेजी से बढ़ती है.
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