कोविड महामारी की वजह से मुद्रा (माइक्रो यूनिट्स डिवेलपमेंट एंड रीफाइनेंस एजेंसी, MUDRA) लोन्स में गिरावट दर्ज की गई है. 2015 में MUDRA स्कीम लॉन्च होने के बाद पहली बार इसमें गिरावट आई है. वित्त वर्ष 2020-21 में ये गिरावट करीब 20% थी.
MUDRA लोन स्कीम के पीछे मकसद छोटे लेवल पर आंत्रप्रन्योरशिप और स्वरोजगार को बढ़ावा देना है.
सरकार का मानना है कि अलग-अलग जगहों पर लगाए गए लॉकडाउन में ढील दी जानी शुरू होने के बाद MUDRA लोन के लिए फिर से डिमांड में तेजी आ सकती है.
ऐसे में अगर आप भी कारोबार के लिए मुद्रा लोन लेने की सोच रहे हैं तो तैयार हो जाइए, पाबंदियां हटने के बाद बैंक आक्रामक तरीके से ये लोन बांटने वाले हैं और आप भी इसका फायदा उठा सकते हैं.
इंटरेस्ट सब्सिडी की योजना
कोविड की दूसरी लहर के बाद सरकार MUDRA को और ज्यादा मजबूत बनाने की योजना बना रही है.
एक सरकारी अफसर ने मीडिया को बताया है, “हम प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत पारित हुए शिशु लोन्स के तत्काल रीपेमेंट पर 2 फीसदी इंटरेस्ट सब्सिडी देने की सोच रहे हैं.”
तीन कैटेगरी
MUDRA स्कीम के तहत लोन की तीन कैटेगरी हैं.
इनमें से सबसे छोटी स्कीम का नाम शिशु है जिसमें 50,000 रुपये तक के लोन दिए जाते हैं.
अगले स्तर के लोन 50,000 रुपये से 5 लाख रुपये की कैटेगरी में आते हैं और इन्हें किशोर नाम दिया गया है. तीसरी कैटेगरी तरुण है जिसमें 5 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक कर्ज दिया जाता है.
MUDRA लोन के लिए आवेदन करने वालों को कोई कोलेट्रल नहीं रखना पड़ता है. इस पर 8.2 फीसदी से लेकर 9.65 फीसदी तक ब्याज लगता है.
68% महिलाओं को मिले लोन
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 8 अप्रैल को ट्वीट किया था कि MUDRA लोन्स के तहत 68% लाभार्थी महिलाएं हैं.
इसके अलावा, करीब 51 फीसदी लोन शेड्यूल कास्ट, शेड्यूल ट्राइब्स और अन्य पिछड़ी जातियों को दिए गए हैं.
अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को करीब 11 फीसदी लोन मिले हैं.
सरकारी अफसर ने मीडिया को बताया है, “हम लोन वितरण में गिरावट से थोड़े चिंतित हैं. लॉकडाउन और छोटे कारोबारों पर इसके असर को देखते हुए पिछले साल के लोन वितरण खराब नहीं रहे हैं, लेकिन हम इस साल इसमें इजाफा करना चाहते हैं. संबंधित बैंकों को इस बारे में निर्देश दे दिए गए हैं.”
बैंक ऑफ बड़ौदा के एक शाखा प्रबंधक ने इस बात की पुष्टि भी की है.
अधिकारी ने मनी9 को बताया, “हमें RBI की तरफ से निर्देश मिले हैं कि हालात सामान्य होने पर आक्रामक तरीके से MUDRA लोन बांटे जाएं. हमें टारगेट दिए गए हैं और RBI इन टारगेट्स को पूरा करने के लिए काफी जोर लगा रहा है.”
ट्रेंड
MUDRA वेबसाइट के आंकड़े बताते हैं कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 2.65 लाख करोड़ रुपये के लोन वितरित किए गए हैं. 2019-20 में 3.3 लाख करोड़ रुपये के MUDRA लोन दिए गए थे.
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