भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से बैंकों के बिना गारंटी कर्ज के पोर्टफोलियो को लेकर जताई गई चिंता के बावजूद देश के सबसे बड़े बैंक SBI की तरफ से कहा गया है कि बिना गारंटी कर्ज के पोर्टफोलियों में NPA को लेकर वह चिंतित नहीं है. बैंक के चेयरमैन दिनेश खारा ने बिना गारंटी कर्ज को लेकर यह बयान दिया है, उन्होंने कहा है कि बैंक में बिना गारंटी कर्ज की लोनबुक सिक्योर्ड कर्ज के मुकाबले ज्यादा बेहतर है.
SBI चेयरमैन दिनेश खारा ने बताया कि बैंक की तरफ से अबतक कुल 3.2 लाख करोड़ रुपए का बिना गारंटी वाला कर्ज बांटा गया है, जिसमें सिर्फ 0.69 फीसद ही NPA हुआ है. इस लिहाज से बैंक की तरफ से बांटे गए बिना गारंटी वाले कर्ज में 2208 करोड़ रुपए NPA हुए. दिनेश खारा ने बताया कि बैंक की तरफ से जितना भी अनसिक्योर्ड कर्ज दिया गया है, उसमें 86 फीसद ऐसे ग्राहक हैं जिनको मासिक वेतन मिलता है.
SBI के सितंबर तिमाही में रहे शानदार नतीजे
SBI ने जुलाई-सितंबर FY24 तिमाही में 14,330 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जो पिछले साल के 13,265 करोड़ रुपये से 8 फीसद ज्यादा है. देश के सबसे बड़े बैंकके नतीजे बाजार के अनुमान से बेहतर रहे हैं. एक्सपर्ट्स ने SBI के लिए 14,221 करोड़ रुपये के नेट प्रॉफिट का अनुमान लगाया था. इसके अलावा, दूसरी तिमाही के दौरान नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) 39,500 करोड़ रुपये रही, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही के 31,184 करोड़ रुपये की तुलना में 12.3 फीसद ज्यादा है.वहीं, बैंक की ग्रॉ़स NPA पिछले वर्ष की समान तिमाही में दर्ज 3.52 फीसद से कम होकर 2.55 फीसद पर है. दूसरी ओर इस तिमाही के लिए नेट NPA सालाना आधार पर 0.80 फीसद से सुधरकर 0.64 फीसद पर आ गया. यानी SBI के इस तिमाही के नतीजे पहले से कहीं बेहतर रहे हैं.
आरबीआई ने जताई थी चिंता
गौरतलब है कि RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने अक्टूबर 2023 में मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक में अनसिक्योर्ड क्रेडिट ग्रोथ में हाल में आई तेजी को लेकर चिंता जताई थी. उन्होंने बैंकों और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFC) से अपने इंटरनल सर्विलांस मैकेनिज्म को मजबूत करने की सलाह भी दी थी. शक्तिकांत दास ने कहा था कि बैंकों और NBFC को सलाह है कि वे अपने इंटरनल सर्विलांस मैकेनिज्म को मजबूत करें, अगर कोई रिस्क हो तो उसे एड्रेस करें और उनके हित में जरूरी सुरक्षा उपाय करें.