फ्लोटिंग या फिक्स रेट होमलोन में कौन सा ज्यादा बेहतर?

फिक्स्ड रेट होम लोन तब चुनना चाहिए कि जब आपको लगता है कि भविष्य में लोन के इंटरेस्ट रेट बढ़ने वाले हैं

फ्लोटिंग या फिक्स रेट होमलोन में कौन सा ज्यादा बेहतर?

चाय की चुस्की लेकर अखबार पढ़ रहे वीरेंद्र के चेहरे पर मुस्कान देखकर उनकी पत्नी हैरानी में पड़ गईं. पूछ बैठीं- अखबार में क्या देख लिया जो इतने खुश हो. वीरेंद्र बोले- लगता है बार-बार EMI बढ़ने के झंझट से आजादी मिलने वाली है. पत्नी ने तपाक से पूछा- वो कैसे? वीरेंद्र की तरह आप भी बढ़ती EMI से परेशान हैं. तो आपके लिए एक जरूरी खबर है. रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा है कि इंटरेस्ट रेट में बदलाव करते वक्त ग्राहकों को फिक्स्ड रेट होम लोन में जाने का ऑप्शन देना होगा. फिक्स्ड रेट होम लोन क्या है? फ्लोटिंग से फिक्स्ड रेट लोन में जाना फायदेमंद रहेगा? आइए जानते हैं.

महंगाई काबू करने के लिए रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में ढाई फीसदी की वृद्धि की. इसके बाद बैंकों ने होम लोन समेत दूसरे लोन के इंटरेस्ट रेट बढ़ा दिए. मोटा-माटी फ्लोटिंग और फिक्स्ड रेट दो तरह के होम लोन हैं. फ्लोटिंग रेट होम लोन की ब्याज दरें रेपो रेट जैसी मार्केट कंडीशंस पर निर्भर करती हैं. रेपो रेट बढ़ने से लोन की दरें बढ़ती हैं और घटने पर होम लोन के इंटरेस्ट रेट कम हो जाते हैं. इंटरेस्ट रेट बढ़ने से आपकी EMI या लोन का टेन्योर बढ़ जाता है.

फिक्स्ड रेट होम लोन में बैंक लोन देते समय जो रेट तय करते हैं वो पूरे टेन्योर के दौरान एक जैसा ही रहता है. रेपो रेट घटने-बढ़ने का कोई असर नहीं पड़ता है. इसका फायदा ये है कि लोन पर पता होता है कि कितनी EMI जानी है और टोटल कितना पैसा भरना है. इससे सटीक बजट प्लानिंग में मदद मिलती है.

फ्लोटिंग से फिक्स्ड में जाना फायदेमंद?
फिक्स्ड होम लोन का इंटरेस्ट रेट आमतौर पर फ्लोटिंग रेट आधारित लोन से ज्यादा होता है. अलग-अलग रिपोर्ट्स की मानें तो, फ्लोटिंग के मुकाबले फिक्स्ड रेट होम लोन लोन के इंटरेस्ट रेट में 100 से 500 बेसिस प्वाइंट यानी 1 से 5 फीसदी का अंतर हो सकता है.

ICICI बैंक की वेबसाइट के मुताबिक, रेपो रेट लिंक्ड यानी फ्लोटिंग होम लोन का इंटरेस्ट रेट सैलरीड और सेल्फ-इम्प्लॉइड के लिए 9 फीसदी है जबकि फुल टर्म फिक्स्ड होम लोन का इंटरेस्ट रेट 11.15 से 11.45 फीसदी है यानी 2.15 से 2.45 फीसदी ज्यादा है. इसी तरह, एक्सिस बैंक के फ्लोटिंग होम लोन का रेट 9 से 9.40 फीसदी जबकि फिक्स्ड होम लोन का रेट सालाना 14 फीसदी है. यहां रेट 4.6 से 5 फीसदी तक ज्यादा है.

फ्लोटिंग से फिक्स होम लोन में कब करें स्विच?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स मानते हैं कि फिक्स्ड रेट होम लोन तब चुनना चाहिए कि जब आपको लगता है कि भविष्य में लोन के इंटरेस्ट रेट बढ़ने वाले हैं और अभी जो रेट है उस पर आप लोन आराम से चुका सकते हैं. हालांकि, इंटरेस्ट रेट के बारे में सटीक अनुमान लगाना मुश्किल है. इसके अलावा, लोन स्विच करते समय देख लें कि फिक्स्ड होम लोन पर मिल रहा इंटरेस्ट रेट फ्लोटिंग रेट से 150 से 200 बेसिस प्वाइंट से ज्यादा न हो.

वीरेंद्र जैसे ग्राहकों के पास होम लोन लेते समय सेमी-फिक्स्ड रेट चुनने का ऑप्शन भी है. इसमें फिक्स और फ्लोटिंग रेट दोनों का फायदा मिलेगा. पहले के 2, 3, 5 या 10 साल तक ब्याज दरें फिक्स रहेंगी और उसके बाद लोन फ्लोटिंग रेट पर शिफ्ट हो जाएगा.

वीरेंद्र को बढ़ती EMI से राहत मिलेगी या नहीं ये तो वक्त ही बताएगा. हालांकि, फ्लोटिंग और फिक्सड होम लोन के इंटरेस्ट रेट में अंतर को देखकर लगता है कि बैंक खुद नहीं चाहते हैं कि ग्राहक फिक्स्ड रेट वाला लोन लें. बैंक और NBFC के बोर्ड की ओर से मंजूर पॉलिसी के तहत ग्राहकों को फिक्स्ड रेट में स्विच करने का ऑप्शन मिलेगा. उसमें भी इंटरेस्ट रेट में इतना ही अंतर रहता है तो ग्राहकों के लिए लोन स्विच करना मुश्किल होगा. लोन स्विच करने पर फीस भी देनी पड़ सकती है.

Published - September 22, 2023, 07:06 IST