चंडीगढ़ के नवीन ने कुछ साल पहले होम लोन लेकर घर बनवाया है. अब वो इसके ऊपर दूसरी मंजिल बनाने की सोच रहे हैं. बच्चे बड़े हो रहे हैं तो उनकी पढ़ाई में डिस्टर्ब होता है. इसके लिए उन्हें 10 लाख रुपए चाहिए. उनका मन पर्सनल लोन लेने का था. उनके मित्र ने मौजूदा होम लोन पर टॉपअप लोन लेने की सलाह दी है. अब वो कंफ्यूज हैं कि कौन-सा लोन लेना फायदेमंद रहेगा. आइए उनकी इस दुविधा को दूर करते हैं, उससे पहले जानते हैं टॉप-अप होम लोन के बारे में.
क्या है टॉपअप होम लोन?
अगर आपने होम लोन ले रखा है तो उस लोन पर टॉपअप ले सकते हैं. जिस तरह आप अपने मोबाइल फोन में टॉपअप रीचार्ज करते हैं और आपके फोन में बैलेंस आ जाता है. उसी तरह आप होम लोन को टॉपअप कर सकते हैं. ये लोन व्यक्ति को उसके मौजूदा होम लोन के ऊपर मिलता है. प्रॉपर्टी की बढ़ी मार्केट वैल्यू, मौजूदा होम लोन के रीपेमेंट का ट्रैक रिकॉर्ड और कर्ज चुकाने की क्षमता यानी रीपेमेंट कैपेसिटी को ध्यान में रखकर बैंक लोन देते हैं.
कहां कर सकते हैं इस्तेमाल?
घर की मरम्मत, रेनोवेशन, इंटीरियर डिजाइनिंग के लिए आप होम लोन को टॉपअप करा सकते हैं. टॉपअप होम लोन के सबसे अहम फायदों में से एक है लोन की रकम के इस्तेमाल की आजादी. लोन लेने वाला व्यक्ति घर बनवाने के अलावा और भी कई कामों जैसे पढ़ाई, शादी, मेडिकल बिल और निजी खर्च में इसका इस्तेमाल कर सकता है. इस मामले में ये पर्सनल लोन की तरह है.
लंबा टेन्योर
होम लोन की तरह ही टॉपअप लोन का टेन्योर लंबा होता है. इसका टेन्योर आपके मौजूद होम लोन की बची अवधि तक हो सकता है या 30 साल तक के लिए हो सकता है. स्टेट बैंक के टॉपअप होम लोन का टेन्योर 30 साल तक का है जबकि ICICI बैंक 20 साल तक के लिए टॉपअप लोन दे रहा है.
टॉपअप होम लोन की ब्याज दर
टॉपअप होम लोन की ब्याज दर होम लोन से थोड़ी ज्यादा होती है, जबकि पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड के मुकाबले काफी कम होती है. टॉपअप होम लोन का सिक्योर्ड होना इसकी वजह है, यह लोन आपकी प्रॉपर्टी के एवज में दिया जाता है.
SBI की वेबसाइट के मुताबिक, बैंक के सामान्य होम लोन की शुरुआती ब्याज दर 9.15 फीसदी है जबकि टॉपअप होम लोन का इंटरेस्ट रेंट 9.55 फीसदी से शुरू होता है. वहीं, स्टेट बैंक के पर्सनल लोन की ब्याज दरें 11.05 फीसदी से शुरू होकर 14.05 फीसदी तक जाती हैं. क्रेडिट कार्ड के लोन का सालाना ब्याज तो 24 फीसद से भी ऊपर चला जाता है. इस लिहाज से पर्सनल लोन के मुकाबले टॉपअप होम लोन काफी सस्ता पड़ता है.
टॉपअप होम लोन की अदायगी पर इनकम टैक्स की छूट भी मिलती है. अगर आप लोन की रकम का इस्तेमाल घर की मरम्मत या रेनोवेशन के लिए करते हैं तो इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 24 के तहत टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. सेक्शन 24 के तहत होम लोन के ब्याज पर 2 लाख रुपए तक का डिडक्शन लिया जा सकता है. पर्सनल होम लोन में किसी तरह का टैक्स बेनेफिट नहीं है.
टॉपअप होम लोन लेने के लिए प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू काफी अहम भूमिका निभाती है. अगर होम लोन और टॉप-अप होम लोन लेने की तारीख के बीच प्रॉपर्टी की कीमत अच्छी-खासी नहीं बढ़ी है या कीमत बैंक के मानदंडों को पूरा नहीं करती है. तो हो सकता है आप जितना लोन लेना चाहते हैं उतना न मिले.नवीन या उसके जैसे लोग जो घर में किसी तरह का काम कराना चाहते हैं उनके लिए पर्सनल लोन की जगह टॉप-अप होम लोन ज्यादा ठीक है. यहां ब्याज कम, टेन्योर लंबा और टैक्स बेनेफिट भी है. हालांकि, एक बात ध्यान रखिए कि टॉप-अप लोन आपकी प्रॉपर्टी के एवज में मिल रहा है. लोन चुकाने में चूक होने पर प्रॉपर्टी जब्त हो सकती है. ऐसे में होम लोन पर टॉप-अप लोन लेने से पहले यह जरूर इंश्योर कर लें कि आप दोनों EMI आसानी से भर सकते हैं.