RBI MPC: रमेश के ऊपर क्रेडिट कार्ड का बकाया था जिस कारण उसका क्रेडिट स्कोर (CIBIL) 610 पर आ गया था. बैंक खराब क्रेडिट स्कोर (Credit Score) के कारण रमेश को या तो लोन देने से इनकार कर रहे थे या हाई-इंटरेस्ट रेट पर ऑफर कर रहे थे. इस झंझट से निजात पाने के लिए रमेश ने क्रेडिट कार्ड के बकाए का भुगतान कर दिया. इसके बावजूद जब वह 40 दिन बाद लोन लेने गया तो उसे वही जवाब मिला. वजह थी क्रेडिट स्कोर का अपडेट न होना. 8 अगस्त की मौद्रिक नीति घोषणा में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने रमेश जैसे लोगों की मुश्किलें आसान करने की घोषणा की है.
मौद्रिक नीति (Monetary Policy) की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कर्जदाताओं को अब क्रेडिट इंफॉर्मेशन रिपोर्ट प्रत्येक दो हफ्ते के अंतराल पर CIBIL जैसी क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों (CIC) को उपलब्ध कराया करें. उन्होंने कहा कि क्रेडिट इंफॉर्मेशन के वक्त पर अपडेट होने से लोन लेने वालों को लाभ होगा.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि उचित क्रेडिट इंफॉर्मेशन कर्जदाता के साथ-साथ कर्ज लेने वालों के लिए भी महत्वपूर्ण है. वर्तमान में कर्जदाता क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों को मासिक आधार पर रिपोर्ट भेजते हैं. यह प्रस्ताव किया जाता है कि क्रेडिट इंफॉर्मेशन की रिपोर्टिंग हर 15 दिन या इससे कम अंतराल पर की जाए. इससे लोन लेने वालों को फायदा होगा. दूसरी तरफ कर्जदाता भी कर्ज लेने वाले का आसानी से रिस्क एसेसमेंट कर सकेंगे.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने नए उपायों की घोषणा की जिससे चेक क्लियर होने में कुछ ही घंटों का समय लगेगा. अभी चेक क्लियर होने में 2 दिन तक का वक्त लगता है. आरबीआई की नई प्रणाली के तहत दिन के कारोबारी अवधि के दौरान चेक को स्कैन किया जाएगा और उसे पेश कर क्लियर किया जाएगा.