क्‍यों बढ़ी म्‍यूचुअल फंड पर लोन की मांग?

सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के मुकाबले गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कंपनियां (NBFC) ज्‍यादा तेजी से बांट रही हैं लोन

क्‍यों बढ़ी म्‍यूचुअल फंड पर लोन की मांग?

इमरजेंसी में अक्‍सर लोग पर्सनल या गोल्ड लोन लेते हैं, लेकिन इनदिनों म्‍यूचुअल फंड पर लोन लेने वालों की संख्‍या में इजाफा देखने को मिला है. कम ब्‍याज दर और आसानी से उपलब्‍ध होने के कारण लोग इसे लेना पसंद कर रहे हैं. इतना ही नहीं ग्राहकों को लुभाने के लिए ऋणदाता भी इसमें कई आकर्षक ऑफर दे रहे हैं. दिलचस्‍प बात यह है कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के मुकाबले गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कंपनियां (एनबीएफसी) इस क्षेत्र में ज्‍यादा तेजी से लोन बांट रही हैं.

संपत्ति में हुआ इजाफा
पिछले एक साल में घरेलू म्यूचुअल फंड प्रबंधन के तहत संपत्ति 20.5% बढ़कर 44.55 लाख करोड़ रुपए हो गई है. इतना ही नहीं म्यूचुअल फंड उद्योग ने 31 लाख नए निवेशक भी जोड़े हैं. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया (एएमएफआई) के डेटा से पता चलता है कि मार्च 2023 में खुदरा निवेशकों के पास 24 महीने से अधिक अवधि के लिए 56.5 फीसद इक्विटी संपत्ति थी.

लोन लेने में आसानी है आकर्षण की मुख्‍य वजह
ऋणदाताओं ने लोगों को म्यूचुअल फंड पर उधार लेना आसान बना दिया है. पूरी प्रक्रिया डिजिटल हो गई है, जिससे लोन आसानी स‍े मिल जाता है. इसके अलावा म्‍यूचुअल फंड पर लिए गए लोन पर उतने दिनों के लिए ब्याज लगाया जाता है जितने दिनों के लिए राशि का उपयोग किया जाता है. खास बात यह है कि इसमें कोई ईएमआई नहीं होती है. एक निवेशक ऋण अवधि के दौरान कभी भी राशि चुका सकता है. आमतौर पर लोन चुकाने के लिए एक वर्ष का समय होता है. इसके अलावा म्‍यूचुअल फंड पर लिया गया कर्ज सस्‍ता भी होता है. ऋणदाता लोगों को लुभाने के लिए कहते हैं कि शॉर्ट टर्म फंड की कमी के कारण उन्‍हें अपनी बेहतर प्रदर्शन करने वाली स्‍कीम को खत्‍म करने की जरूरत नहीं है, वे म्‍यूचुअल फंड पर आसानी से लोन ले सकते हैं.

लोन की सीमा और ब्‍याज दर
इक्विटी म्यूचुअल फंड में योजना मूल्य का अधिकतम 50% तक लोन मिल सकता है. क्रेडिट स्कोर के आधार पर एनबीएफसी 9 से 10% की ब्याज दर पर ऐसे लोन दे रहे हैं. जबकि अगर इसकी तुलना गोल्‍ड लोन से करें तो इस पर 9% से 24% तक के ब्‍याज दर पर कर्ज मिलता है, वहीं पर्सनल लोन में 10-18% तक ब्‍याज का भुगतान करना पड़ता है. ऐसे में म्‍यूचुअल फंड पर लिया गया लोन ज्‍यादा सस्‍ता पड़ता है. इसमें ऋण की अवधि आमतौर पर 12 महीने के लिए होती है. इसमें न्यूनतम ऋण राशि 10,000 रुपए है और अधिकतम सीमा 1 करोड़ तक है.

क्‍या हो सकता है नुकसान?
जानकारों का कहना है कि निवेशक मेडिकल इमरजेंसी जैसी चीजों के लिए ऐसे लोन का इस्‍तेमाल कर सकते हैं, लेकिन लोन का भुगतान जल्‍द से जल्‍द कर देना चाहिए. ऐसे ऋणों का एक और बड़ा नुकसान यह है कि शेयर बाजार में तेज गिरावट में व्यक्तियों को टॉप-अप लेना होगा.

Published - July 28, 2023, 03:06 IST