अगर कोई अपना पहला घर खरीद रहा है तो उस समय वित्तीय स्थिति मजबूत होनी चाहिए. साथ ही उसका फाइनेंशियल रिकॉर्ड भी अच्छा होना चाहिए. अगर किसी का क्रेडिट स्कोर उतना बेहतर नहीं है तो लोन लेने में दिक्कत आ सकती है. इस समस्या को दूर करने के लिए ज्वाइंट होम लोन का विकल्प फायदेमंद साबित होता है. इससे जहां व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर बेहतर होता है. साथ ही इससे टैक्स में छूट समेत दूसरे फायदे भी होते हैं.
किसके साथ ले सकते हैं ज्वाइंट होम लोन?
आप अपने परिवार के सदस्यों जैसे- माता-पिता, पति/पत्नी, पुरुष बच्चे, अविवाहित महिला बच्चे, या साथ रहने वाले भाइयों के साथ ज्वाइंट होम लोन ले सकते हैं. संपत्ति में सह-मालिक (Co-Owner) का होना अनिवार्य नहीं है. हालांकि कर लाभ (Tax Benefits) के लिए, सह-उधारकर्ता (Co-Borrower) का सह-मालिक होना जरूरी है.
लोन लेने में होती है आसानी
जानकारों के मुताबिक ज्वाइंट होम लोन लेने में आसानी होती है. इसलिए ऋण चुकाने के लिए सह-आवेदक को उनकी आय, क्रेडिट स्कोर और रीपेमेंट क्षमता के आधार पर जोड़ें. अगर को-एप्लीकेंट का क्रेडिट स्कोर और बैकग्राउंड अच्छा है तो आप बैंकों से अधिक धनराशि बतौर लोन हासिल कर सकते हैं.
टैक्स कटौती का मिलता है लाभ
ज्वाइंट होम लोन में अगर सह-उधारकर्ता संपत्ति का सह-मालिक भी है, तो टैक्स में छूट का लाभ मिलता है. आयकर की धारा 80 सी के तहत अधिकतम आप 1.5 लाख रुपए तक की छूट पा सकते हैं. वहीं आयकर की धारा 24बी के तहत आप इसके ब्याज पर अधिकतम 2 लाख रुपए तक का कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं. ऐसे में ज्वाइंट एप्लीकेंट को मिलाकर आप कुल 7 लाख रुपए तक का कर लाभ ले सकते हैं.
महिला सदस्य को कम ब्याज पर मिल सकता है लोन
कुछ बैंक और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां ज्वाइंट होम लोन में महिला सदस्य के को एप्लीकेंट एवं को-ऑनर होने पर कम ब्याज पर लोन देती हैं. यह ब्याज 0.5% तक कम हो सकता है. हालांकि इसके लिए हर बैंक के अपने-अपने नियम हैं. बैंकों की ओर से भी संयुक्त मालिकों को प्राथमिकता दी जाती है, क्योंकि इससे उनका जोखिम कम हो जाता है.