इनदिनों बहुत-सी छोटी बड़ी वित्तीय कंपनियां ऐप्स के जरिए लोन बांट रही हैं. इनमें कई ऐप्स फर्जी भी हैं. अवैध रूप से ऐसे ही तत्काल लोन देने वाली ऐप्स पर सरकार सख्त हो गई है. इन ऐप्स से बढ़ते खतरों से निपटने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय (MeitY) ने आरबीआई को ज्यादा जानकारी वाली KYC प्रक्रिया तैयार करने को कहा है. इससे लोन सुविधा देने वाली कंपनियों को सभी जानकारी उपलब्ध करानी होगी. व्यापक केवाईसी से गड़बड़ी करने वाली लोन ऐप्स का पता लगाने में मदद मिलेगी. साथ ही केवल वैध और जांची गई वित्तीय ऐप्स ही भारतीय बैंकिंग सिस्टम तक पहुंच सकेगी.
इस सिलसिले में मंत्रालय ने 13 अक्टूबर को वित्तीय सेवा विभाग (DFS) और RBI के साथ बैठक की थी. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रोद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि RBI को उसके नियामक ढांचे के भीतर कंपनियों के लिए विस्तृत KYC या नो योर डिजिटल फाइनेंस ऐप (KYDFA) डिजाइन करने को कहा गया है. यह उसी तरह से है जैसे बैंक खाता खोलने के लिए ग्राहकों को विस्तृत KYC पूरा करना होता है. चंद्रशेखर के अनुसार यदि कोई लोन ऐप कानून का उल्लंघन करता है तो KYFDA प्रक्रिया कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए ऐप की ट्रेसबिलिटी और अन्य जानकारी पता लगाने में मदद करेगी.
आजकल कई लोग ऐसे अवैध लोन ऐप्स के जाल में फंस गए हैं. उनसे लोन वसूलने के लिए ये ऐप अवैध तरीके अपना रहे हैं और मनमाना ब्याज वसूल रहें हैं. उनकी हरकतों से परेशान होकर कई लोग आत्महत्या तक के लिए मजबूर हुए हैं. चूंकि बैंकों से लोन लेने में कई कागजी कार्रवाई करनी होती है और इन ऐप्स के जरिए तुरंत आसानी से लोन उपलब्ध हो जाता है. यही खासियत इन्हें लोकप्रिय बनाती है.
एक्सपर्ट के मुताबिक ये अवैध लोन ऐप्स एक बार इंस्टॉल होने के बाद कांटैक्ट लिस्ट सहित फोन के अन्य डाटा का एक्सेस हासिल कर लेती हैं. जब लोन लेने वाला शख्स पैसा वापस करने में देरी करता है तो लोन ऐप्स के एजेंट यूजर के कांटैक्ट लिस्ट में सेव उनके दोस्तों और रिश्तेदारों को फोन कर परेशान करते हैं. कुछ मामलों में ये एजेंट लोन लेने वाले की डिजिटल रूप से छेड़छाड़ की गई तस्वीरें उनके रिश्तेदारों को शेयर करने की धमकी देते हैं. पुलिस ने यह भी पाया है कि लोन देने वाली इस तरह की कई ऐप्स के संबंध चीनी नागरिकों से हैं.