इस साल कम हो सकता है होम लोन का बोझ, जानिए कब घटेंगी दरें?

विशेषज्ञों का अनुमान है कि आरबीआई 2024 की दूसरी तिमाही से या जून व जुलाई में रेपो दर में कटौती शुरू कर सकता है

इस साल कम हो सकता है होम लोन का बोझ, जानिए कब घटेंगी दरें?

पिछले दो सालों में होम लोन की ईएमआई में 20 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी देखी गई है. मगर जानकारों का अनुमान है कि 2024 में लोगों को महंगे होम लोन से छुटकारा मिल सकता है. ब्याज दर में 0.5% से 1.25% की कटौती की संभावना है. आरबीआई रेपो दर को कम कर सकता है, जिससे साल के मध्‍य तक कर्ज सस्‍ता हो सकता है.

बढ़ती वैश्विक महंगाई के कारण आरबीआई ने मई 2022 से फरवरी 2023 तक (2.5% की कुल वृद्धि) रेपो दर में बढ़ोतरी की थी.जिसके कारण सभी ऋणदाताओं को अपनी ब्याज दरें बढ़ानी पड़ी थी, हालांकि तब से महंगाई काफी हद तक कम हो गई है और आगे भी इसमें वृद्धि की संभावना कम है. ऐसे में ज्‍यादातर विशेषज्ञों का अनुमान है कि आरबीआई 2024 की दूसरी तिमाही से या जून व जुलाई में रेपो दर में कटौती शुरू कर सकता है.

कैसे पड़ेगा होम लोन की ईएमआई पर असर?

होम लोन लेने वालों को साल की पहली छमाही में कम ईएमआई की सौगात मिल सकती है. रेलिगेयर हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल मेहरोत्रा का कहना है कि रेपो दर में कटौती होने पर ही घर खरीदारों को कुछ राहत मिल सकती है. मौजूदा स्थिति को देखते हुए वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में ही दरों में कटौती की उम्‍मीद है. होम लोन लेने वालों की ईएमआई पर फर्क ऋण के समय और ऋणदाता की प्रकृति के अनुसार विभिन्न श्रेणियों के अनुसार पड़ेगा. अगर आप पुराने होम लोन उधारकर्ता हैं और आपने इसे किसी बैंक से लिया है तो आप इनमें बीपीएलआर, आधार दर, एमसीएलआर या ईबीएलआर ब्‍याज दर व्‍यवस्‍था के अंतर्गत होंगे. अगर आपने कर्ज एनबीएफसी या एचएफसी से लिया है तो आपके पास एक अलग व्यवस्था होगी. इसलिए, विभिन्न ब्याज दर व्यवस्थाओं के लिए दर में कटौती की गणना और मात्रा अलग-अलग होगी.

कई विशेषज्ञों का मानना है कि एक बार दरों में कटौती शुरू होने के बाद यह केवल एक कटौती तक ही सीमित नहीं रहेगी क्योंकि इसके बाद और भी कटौती होने की संभावना है. 2024 में रेपो रेट में कुल संभावित कटौती 50 बेसिस प्‍वाइंट से लेकर 125 बेसिस प्‍वाइंट तक हो सकती है. वास्तविक आंकड़ा पूरे साल विभिन्न आर्थिक कारकों और आरबीआई के आकलन पर निर्भर करेगा.

Published - January 3, 2024, 06:53 IST