देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक HDFC बैंक ने RBI की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक शुरू होने से पहले ही अपना कर्ज महंगा कर दिया है. HDFC Bank ने बेंचमार्क मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट्स यानी MCLR में 15 बेसिस प्वाइंटत तक की बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है. बैंक की नई ब्याज दरें 7 अगस्त, 2023 से प्रभावी हैं. MCLR बढ़ने से बैंक के सभी तरह के कर्ज महंगे हो जाएंगे. बैंक के पुराने ग्राहकों की EMI पर भी असर पड़ेगा.
HDFC Bank की नई MCLR
बैंक ने अपनी ओवरनाइट MCLR दर को 10 बेसिस प्वाइंट बढ़ाया है. एक रात के लिए MCLR दर 8.25 फीसदी से बढ़कर 8.35 फीसदी हो गई है. एक महीने वाली MCLR में 15 बेसिस प्वॉइंट की बढ़ोतरी की गई है. एक महीने वाली MCLR 8.30 फीसदी से बढ़कर 8.45 फीसदी हो गई है. तीन महीने वाली MCLR 10 बेसिस प्वॉइंट बढ़कर 8.60 फीसदी से 8.70 फीसदी हो गई है. छह महीने वाली MCLR में केवल 5 बेसिस प्वॉइंट की बढ़ोतरी की गई है. छह महीने की MCLR 8.90 फीसदी से बढ़कर 8.95 फीसदी हो गई है. हालांकि बैंक ने एक साल से अधिक लंबि अवधि की MCLR में कोई बदलाव नहीं किया है.
होम, कार लोन की बढ़ेगी EMI
HDFC Bank ने एक साल वाली MCLR को भी 9.05 फीसदी से बढ़ाकर अब 9.10 फीसदी कर दिया है. एक साल वाली MCLR से ही अधिकांश उपभोक्ता लोन लिंक होते हैं. होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दर एक साल वाली MCLR के आधार पर ही तय की जाती है. एक साल वाली MCLR के बढ़ने का मतलब है कि अब होम, कार और पर्सनल लोन ग्राहकों को अधिक ब्याज का भुगतान करना होगा.
बैंक की नई MCLR
अवधि MCLR
ओवरनाइट 8.35%
एक महीना 8.45%
तीन महीना 8.70%
छह महीना 8.95%
एक साल 9.10%
दो साल 9.15%
तीन साल 9.20%
क्या है MCLR?
HDFC Bank बैंकसाइट के मुताबिक, मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड-बेस्ड लेंडिंग रेट या MCLR वह न्यूनतम ब्याज दर है, जिससे कम पर कोई भी वित्तीय संस्था ग्राहकों को लोन नहीं दे सकती है. MCLR एक लोन के लिए ब्याज दर की निचली सीमा को निर्धारित करती है.
HDFC की अन्य दरें
HDFC बैंक की संशोधित बेस रेट 9.20 फीसदी है और यह 16 जून, 2023 से प्रभावी है. बैंक की बेंचमार्क पीएलआर 17.70 फीसदी वार्षिक है, जो 16 जून, 2023 से प्रभावी है.
10 अगस्त को आएगी RBI की मौद्रिक नीति
केंद्रीय बैंक की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक 8 अगस्त, 2023 से शुरू हो रही है. 10 अगस्त को बैठक के नतीजों की घोषणा गवर्नर शक्तिकांत दास करेंगे. पिछली दो बैठकों में RBI ने रेपो दर को 6.5 फीसद पर यथावत रखा है. इस बार महंगाई बढ़ने के बीच रेपो दर में बदलाव को लेकर विशेषज्ञ बंटे हुए हैं.
ब्याज दर रह सकती है स्थिर
पंजाब एंड सिंध बैंक के प्रबंध निदेशक स्वरूप कुमार का कहना है कि आरबीआई वैश्विक रुझानों सहित कई चीजों को ध्यान में रखता है. इसलिए, समग्र स्थितियों को देखते हुए, मेरा अनुमान है कि आरबीआई रेपो रेट को मौजूदा स्तर पर बरकरार रखेगा. अगर वैश्विक हालात स्थिर रहते हैं तो ब्याज दर में अगली 2-3 तिमाहियों तक यथास्थिति रहने की संभावना है.