50 वर्ष के लिए बॉन्‍ड जारी कर कर्ज जुटाएगी सरकार

सरकार वित्तीय वर्ष 2023-24 की दूसरी छमाही (अक्टूबर-मार्च) में 6.55 ट्रिलियन रुपए बाजार प्रतिभूति से उधार लेगी

50 वर्ष के लिए बॉन्‍ड जारी कर कर्ज जुटाएगी सरकार

साल की शुरुआत में धीमी राजस्व वृद्धि और बढ़ते सब्सिडी बोझ के दबाव को दरकिनार करते हुए केंद्र सरकार ने उधार योजना पर कायम रहने का फैसला किया है. सरकार वित्तीय वर्ष 2023-24 की दूसरी छमाही (अक्टूबर-मार्च) में 6.55 लाख करोड़ रुपए बाजार प्रतिभूति से उधार लेगी. इसके अलावा 20,000 करोड़ रुपए के सॉवरेन ग्रीन बांड जारी करेगी. वित्त वर्ष 2023 में 16,000 करोड़ रुपए के ग्रीन बांड जारी किए गए थे.

वित्त वर्ष 2024 के लिए अनुमानित 15.43 लाख करोड़ रुपए की सकल बाजार उधारी में से, केंद्र ने पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में 8.88 लाख करोड़ रुपए (57.55 प्रतिशत) रुपए उधार लिए. जबकि दूसरी छमाही के लिए बचे 6.55 लाख करोड़ रुपए, जो कुल उधार का 42.45 प्रतिशत है, इसे 20 साप्ताहिक नीलामी के जरिए पूरा किया जाएगा. इतना ही नहीं पहली बार सकरार लंबी अवधि की प्रतिभूतियों की बाजार की मांग को देखते हुए 50 वर्षीय बॉन्‍ड जारी करेगी.

वित्त वर्ष 2023 के पहले चार महीनों से लेकर जुलाई तक केंद्र का राजकोषीय घाटा पूरे साल के लक्ष्य का 33.9 प्रतिशत रहा, जो तीन साल का उच्चतम स्तर है. यह विस्तार उच्च पूंजीगत व्यय के कारण है. सरकार का लक्ष्य वित्त वर्ष 2024 में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 6.4 प्रतिशत से घटाकर 5.9 प्रतिशत करना है. इंडिया रेटिंग्स ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि उसे उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में थोक मूल्य महंगाई में इजाफा होगा और नाममात्र जीडीपी को आगे बढ़ाएगी. वहीं सकल कर राजस्व संग्रह ज्‍यादा होगा, जिससे राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 5.9 प्रतिशत पूरा हो जाएगा.

वित्त मंत्रालय ने कहा कि सरकार रिडेम्‍प्‍शन प्रोफाइल को बेहतर बनाने के लिए सिक्‍योरिटीज में बदलाव करना जारी रखेगी. बजटीय राशि के 1 ट्रिलियन रुपए में से, 51,597 करोड़ रुपए की नीलामी पहले ही आयोजित की जा चुकी है और शेष राशि H2 में आयोजित की जाएगी. सरकारी खातों में टेम्‍पररी मिसमैच का ध्यान रखने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही के लिए डब्ल्यूएमए की सीमा 50,000 करोड़ रुपये तय की है.

आईसीआरए रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर का कहना है कि एक बार राजस्व और व्यय की स्थिति स्पष्ट हो जाने के बाद, अगर जरूरत हुई तो सरकार चौथी तिमाही के लिए उधारी के आंकड़े में बदलाव करने पर विचार कर सकती है.

Published - September 27, 2023, 12:36 IST