गोल्ड लोन लेते समय कभी न करें ये गलती

अगर आप लोन का समय पर भुगतान नहीं कर पाए तो जब्त हो जाएगा आपका सोना

गोल्ड लोन लेते समय कभी न करें ये गलती

गोल्ड के एवज में लोन लेने का चलन सदियों पुराना है. हालांकि समय के साथ इसका स्वरूप बदलता जा रहा है. पहले साहूकार, सुनार और दुकानदार सोना गिरवी रखकर कर्ज देते थे, अब बैंक और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) लोन दे रहे हैं. कई बार गोल्ड लेते वक्त लोग ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिससे उन्हें लंबे समय तक पछताना पड़ता है. ऐसे में गोल्ड लोन लेते समय कुछ बुनियादी बातों पर गौर करना जरूरी है.

जरूरत के हिसाब से चुनें विकल्प
होमलोन और पर्सनल लोन की तुलना में गोल्ड लोन की अवधि छोटी होती है. जो सात दिन से लेकर तीन साल तक की हो सकती है. ऐसे में अपने लोन चुकाने की क्षमता के आधार पर लोन की अवधि का चयन करें. वित्तीय संस्थान मूल रकम और ब्याज का भुगतान (रीपेमेंट) करने के लिए कई विकल्प देते हैं, आप इनमें से अपनी जरूरत के हिसाब से किसी को भी चुन सकते हैं. गोल्ड लोन का भुगतान समान मासिक किस्तों (EMI) में कर सकते हैं. इसके अलावा नियमित अंतराल पर ब्याज भरने के बाद मूलधन एकमुश्त अदा कर सकते हैं. इसलिए लोन की अवधि व भुगतान का विकल्प अपनी सहूलियत से चुनें.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट डॉ. राहुल शर्मा कहते हैं कि लोन लेते समय काफी सतर्कता बरतने की जरूरत है. आमतौर पर सोने की कीमत की तुलना में एनबीएफसी ज्यादा कर्ज दे देती हैं. लेकिन आपको गिरवी रखे सोने की तुलना में अधिकतम कर्ज लेना चाहिए. इससे आपका जोखिम कम हो जाता है. बानगी के तौर एक लाख रुपए मूल्य का सोना जमा किया है और सिर्फ 40 हजार रुपए का कर्ज लिया है. किसी आर्थिक संकट में फंसने पर अगर आप कर्ज का समय पर भुगतान नहीं कर पाए तो यह जब्त हो सकता. ऐसे में आपको ज्यादा नुकसान हो सकता.

कर्ज न चुका पाने का गम
किसी भी अन्य लोन की तरह गोल्ड लोन को चुकाने के लिए अनुशासन जरूरी है. अगर आप निर्धारित तिथि पर भुगतान नहीं करते तो कर्जदाता दो से तीन फीसद तक का जुर्माना लगा सकता है अगर आप लोन की तीन से ज्यादा ईएमआई नहीं भरते हैं तो पेनाल्टी की रकम बढ़ जाती है. लोन देते समय फाइनेंस कंपनी जिस दस्तावेज पर साइन कराती हैं, उसमें इस शर्त का उल्लेख होता है.
इस करार के तहत अगर आप 90 दिनों तक लोन की ईएमआई नहीं चुकाते हैं तो ग्रेस पीरियड के बाद बकाया रकम की वसूली के लिए वित्तीय संस्थान आपका गिरवी रखा सोना बेच सकता है. अगर सोने की कीमत गिरती है तो कर्जदाता आपसे अतिरिक्त सोना गिरवी रखने या नकदी जमा करने के लिए भी कह सकता है.

मनी9की सलाह
गोल्ड लोन लेना तभी सही है जब आपको कुछ समय के लिए ही पैसों की जरूरत हो. घर खरीदने जैसी लंबी अवधि के लिए यह विकल्प उचित नहीं है. अगर गोल्ड लोन लेना ही है तो ब्याज दरों की तुलना जरूर करें.

Published - June 30, 2023, 08:40 IST