वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) समेत वित्तीय क्षेत्र के नियामकों से ऑनलाइन ऐप के जरिये अनधिकृत कर्ज वितरण के प्रसार पर लगाम लगाने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने को कहा.
सीतारमण ने यहां ‘वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद’ (एफएसडीसी) की 28वीं बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही. उन्होंने वित्तीय नियामकों से घरेलू और वैश्विक व्यापक वित्तीय स्थिति को देखते हुए उभरते वित्तीय स्थिरता जोखिमों का पता लगाने के लिए निरंतर निगरानी बनाए रखने और सक्रिय रहने के लिए भी कहा.
बैठक के बाद जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, एफएसडीसी ने व्यापक वित्तीय स्थिरता से संबंधित मुद्दों और उनसे निपटने के लिए भारत की तैयारियों के बारे में चर्चा की.
बयान के मुताबिक, गांधीनगर के गिफ्ट सिटी स्थित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) को दुनिया के प्रमुख अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्रों में से एक बनाने और घरेलू अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी पूंजी एवं वित्तीय सेवाओं को सुविधाजनक बनाने की रणनीतिक भूमिका में इसे समर्थन देने के लिए चल रहे अंतर-नियामकीय मुद्दों पर भी चर्चा की गई.
एफएसडीसी ने एफएसडीसी के फैसलों और केंद्रीय बजट में की गई घोषणाओं को लागू करने के लिए रणनीति तैयार करने से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा की. इन मुद्दों में केवाईसी का एकसमान मानदंड तय करना, वित्तीय क्षेत्र में केवाईसी रिकॉर्ड की अंतर-उपयोगिता और केवाईसी प्रक्रिया का सरलीकरण और डिजिटलीकरण शामिल है.
इसके अलावा सामाजिक स्टॉक एक्सचेंजों के जरिये सामाजिक उद्यमों के धन जुटाने की शुरुआत और ऑनलाइन ऐप के जरिये अनधिकृत ऋण देने के हानिकारक प्रभावों को रोकना एवं उनपर अंकुश के कदमों पर भी चर्चा की गई.
सरकार ने दिसंबर में संसद को सूचित किया था कि गूगल ने अप्रैल, 2021 और जुलाई, 2022 के बीच अपने प्ले स्टोर से धोखाधड़ी में लिप्त 2,500 से अधिक कर्ज वितरण ऐप को निलंबित किया है या हटा दिया है। इन ऐप ने कई उधारकर्ताओं से उनके पैसे ठग लिए हैं, जिससे कई मामलों में संकट पैदा हुआ है.
एफएसडीसी के सदस्यों ने वित्तीय क्षेत्र को और विकसित करने के लिए अंतर-नियामकीय समन्वय को मजबूत करने का भी निर्णय लिया ताकि यह समावेशी आर्थिक वृद्धि के लिए अपेक्षित वित्तीय संसाधन प्रदान करता रहे. एफएसडीसी ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली एफएसडीसी उप-समिति द्वारा संचालित गतिविधियों और एफएसडीसी के पिछले निर्णयों पर सदस्यों द्वारा की गई कार्रवाई पर भी गौर किया.
इस बैठक में आरबीआई गवर्नर के अलावा भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड की प्रमुख माधबी पुरी बुच, भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण के चेयरमैन देबाशीष पांडा, भारतीय ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवाला बोर्ड के प्रमुख रवि मितल, पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण के चेयरमैन दीपक मोहंती और आईएफएससी प्राधिकरण के चेयरमैन के राजारमन भी मौजूद रहे.
इनके साथ वित्त सचिव टी वी सोमनाथन, आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ, वित्तीय सेवा विभाग के सचिव विवेक जोशी और राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए.