जल्दी और बिना किसी झंझट के आसानी से कर्ज मिलने के चलते डिजिटल लोन लेने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है. यही वजह है कि इस सेक्टर में तेजी देखने को मिल रही है. फिनटेक एसोसिएशन फॉर कंज्यूमर एम्पावरमेंट (FACE) की एक हालिया रिपोर्ट में पाया गया कि भारत में डिजिटल लेंडिंग में लगातार इजाफा हो रहा है. वित्त वर्ष 2022-23 में फिनटेक लोन कंपनियों का भुगतान साल दर साल (YoY) बढ़कर 92,848 करोड़ रुपए हो गया है. पिछले वर्षों के आंकड़ों को देखें तो वित्त वर्ष 2021-22 में 35,940 करोड़ रुपए और वित्त वर्ष 2021 में 13,461 करोड़ रुपए का भुगतान हुआ था. इस दौरान 7.26 करोड़ कर्ज बांटे गए जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में 3.10 करोड़ कर्ज बांटे गए.
फेस की रिपोर्ट में यह भी पता चला कि छोटी अवधि के लोन में मजबूती दिखी है. लोगों ने 10,000-12,000 रुपए के बीच लोन ज्यादा लिया है. आंकड़ों के मुताबिक 25,000 रुपए से कम का लोन ज्यादा लिया गया है.
इस वजह से बढ़ी डिजिटल लेंडिंग
रिपोर्ट के मुताबिक मई, 2023 में खुदरा महंगाई 4.25% के साथ 2 साल के निचले स्तर पर आ गई है और आरबीआई ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर रोक लगा दी है, जो फिलहाल 6.5% पर है. नतीजतन, लोगों के लिए उधार लेना आसान और सस्ता हो गया है. यही वजह है कि लोन के लिए उनकी दिलचस्पी ज्यादा बढ़ी है. इसके अलावा क्रेडिट कार्ड के बढ़ते उपयोग के चलते भी असुरक्षित ऋणों का आकर्षण भी पिछले वर्ष में बड़े पैमाने पर बढ़ा है. लोग तेजी से डिजिटल लोन की ओर बढ़ रहे हैं. आरबीआई (RBI) के आंकड़ों के मुताबिक इस साल अप्रैल में क्रेडिट कार्ड से करीब 25 करोड़ लेनदेन हुए हैं.
कर्ज के जाल में फंस सकते है लोग
जल्दी और बिना किसी परेशानी के आसानी से मिलने वाले ये ऑनलाइन लोन आपको कर्ज के जाल में फंसा सकते हैं. उपभोक्ताओं की ओर से समय पर इसका भुगतान न करने पर उनके वित्तीय सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. इस बारे में व्यक्तिगत वित्त सलाहकार शिफ़ाली सत्संगी कहती हैं कि लोग लोन चुकाने के लिए बचत में बड़े पैमाने पर कटौती करते हैं. उनकी आय का एक बड़ा हिस्सा कर्ज को चुकाने में चला जाता है. चूंकि कई बार समय पर किस्त अदा नहीं हो पाती है तो आपके क्रेडिट कार्ड रिजेक्ट कर दिए जाते हैं. आपको ऋण कंपनियों और एजेंटों से लगातार मैसेज और कॉल आते रहते हैं, ऐसे में इन झंझटों से निकलना काफी मुश्किल हो जाता है.