पिछले कुछ समय से उधार लेकर शॉपिंग करने का चलन तेजी से बढ़ा है. लोग गाड़ी से लेकर घर खरीदने के लिए लोन ले रहे हैं, लेकिन अभी भी खरीदारी के लिए लोगों का पसंदीदा विकल्प क्रेडिट कार्ड है. वे इसके जरिए अपनी जरूरत की चीजें समेत अपने पर्सनल यूज की चीजें खरीद रहे हैं. उधार के इस बढ़ते चलन की वजह से 2023 में क्रेडिट कार्ड का बकाया छह साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. 2023 में इसमें साल-दर-साल 32.6% का इजाफा हुआ है, जो 2022 में 28.2% थी.
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार गोल्ड लोन में वृद्धि हुई है. साथ ही व्हीकल और होम लोन में साल-दर-साल दोहरे अंकों में विस्तार हुआ है. मुख्य कार्यकारी अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल कैशबैक और नो-कॉस्ट ईएमआई के आकर्षक प्रस्तावों के कारण क्रेडिट कार्ड के उपयोग में वृद्धि देखी गई. ऐसे में इसका इस्तेमाल स्मार्टफोन, टेलीविजन, घरेलू उपकरणों और यहां तक कि फैशन उत्पादों की खरीद में में बढ़ गया. इसमें किस्तों में उधार चुकाने की सुविधा और आसानी से इसकी पहुंच के चलते खुदरा ऋण में तेज वृद्धि हुई है. चूंकि उपभोक्ताओं ने खरीदारी के लिए क्रेडिट कार्ड पर अधिक भरोसा किया इसलिए उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं के लिए बैंक लोन में वृद्धि कम हो गई.
गोल्ड समेत इन लोन की बढ़ी डिमांड
जानकारों का कहना है कि गोल्ड लोन में पिछले साल 18.6% की वृद्धि हुई है, जो 2022 में 12.4% थी. 2023 में वाहन ऋण में 20.5% की वृद्धि हुई, जो कि पूर्व-कोविड-19 अवधि में 7-9% की तुलना में बहुत तेज है. ब्रांडों के साथ-साथ वित्तीय कंपनियों ने क्रेडिट कार्ड ईएमआई योजनाओं को आगे बढ़ाया है, जिससे पिछले पांच वर्षों में सभी लेनदेन में उनकी हिस्सेदारी दोगुनी होकर 30% हो गई है. इससे गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों से ऋण की हिस्सेदारी कम होकर अब 40- 45 फीसद हो गई है.
कंज्यूमर ड्यूरेबल चीजों के लिए बैंक लोन
उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं यानी कंज्यूमर ड्यूरेबल चीजों के लिए बैंक ऋण 2023 में पांच वर्षों में सबसे धीमी गति से बढ़े, हालांकि एक साल पहले की तुलना में 13.7% ज्यादा है. आरबीआई के शोधकर्ताओं ने केंद्रीय बैंक के जनवरी बुलेटिन में कहा कि फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) क्षेत्र में, कंपनियां मूल्य की तुलना में वॉल्यूम में तेजी से वृद्धि दर्ज कर रही हैं. जानकारों का कहना है कि दैनिक जीवन में ज्यादा महंगाई के चलते महामारी के चरम के दौरान ग्रामीण और कम आय वाले उपभोक्ताओं ने कर्ज लिया.ग्रामीण क्षेत्रों में मांग में देरी के कारण मिड सेक्टर के उत्पादों में खर्च पांच तिमाहियों से कम हो गया है.
साथ ही, पिछली पांच-छह तिमाहियों में इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल जैसी श्रेणियों में क्रेडिट-आधारित खरीदारी का हिस्सा 3-6 प्रतिशत अंक बढ़ गया है, ब्रांडों ने एंट्री लेवल के उत्पादों और छोटे स्टोरों के लिए भी ऐसी योजनाएं शुरू की हैं. मोबाइल फोन बाजार शोधकर्ता काउंटरपॉइंट के अनुसार, स्मार्टफोन की क्रेडिट-आधारित खरीदारी की हिस्सेदारी 2023 में बढ़कर 33% हो गई, जो 2022 में 25% और 2021 में 18% थी.