डूबते श्रीलंका से मिला बड़ा मौका

भारत की बात करें तो 2021-22 में अप्रैल से दिसंबर के 9 महीनों में टेक्सटाइल एक्सपोर्ट सालाना आधार पर 31 फीसदी बढ़कर 29.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया था.

डूबते श्रीलंका से मिला बड़ा मौका

श्रीलंका भले ही एक बड़ी आर्थिक मुश्किल में फंस गया है, लेकिन इस आपदा ने भारत के लिए एक अवसर जरूर पैदा कर दिया है.मामला टेक्सटाइल एक्सपोर्ट से जुड़ा हुआ है तो मसला ये है श्रीलंका का संकट भारतीय टेक्सटाइल एक्सपोर्टरों के लिए एक बड़ा कारोबारी मौका साबित हो रहा है. असल में श्रीलंका में ईंधन और बिजली की जबरदस्त किल्लत पैदा हो गई है. इससे वहां की टेक्सटाइल इंडस्ट्री भी चक्कर में पड़ गई है. मतलब, कामकाज ठप्प होने की कगार पर पहुंच गया है.

श्रीलंका के लिए टेक्सटाइल सेक्टर कितना अहम है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि देश के कुल एक्सपोर्ट में आधी हिस्सेदारी टेक्सटाइल की है. अब श्रीलंका का धंधा मंदा पड़ा तो भारत के टेक्सटाइल सेक्टर की तो जैसे निकल पड़ी.

टेक्सटाइल एक्सपोर्टर्स के पास  आ रहे ऑर्डर
घरेलू टेक्सटाइल एक्सपोर्टर्स के पास अब दुनियाभर से दबाकर ऑर्डर आ रहे हैं. UK, EU से लेकर लैटिन अमरीकी देशों तक से भारतीय अपैरल एक्सपोर्टर्स को ऑर्डर मिलने लगे हैं. खुशी की बात ये भी है कि लैटिन अमरीकी देशों में तो भारतीय एक्सपोर्टर्स की अब तक कोई पहुंच ही नहीं थी.

अब ये बाजार भी भारत के लिए खुल रहे हैं. बात केवल टेक्सटाइल सेक्टर तक सीमित नहीं है. श्रीलंका से चाय का निर्यात भी इस संकट की चपेट में आ गया है और यहां भी ऑर्डर्स अब भारतीय टी एक्सपोर्टर्स के पास आ रहे हैं.

हालांकि, एक मसला जरूर भारतीय अपैरल एक्सपोर्टर्स को दिक्कत दे सकता है. वो ये है कि श्रीलंका को कई देशों में ड्यूटी फ्री का फायदा हासिल है, जबकि भारतीय एक्सपोर्ट्स के साथ ऐसा नहीं है. अब चलिए जरा आंकड़ों पर नजर डाल लेते हैं.

52% है  टेक्सटाइल्स और गारमेंट की हिस्सेदारी
श्रीलंका के कुल एक्सपोर्ट में टेक्सटाइल्स और गारमेंट की हिस्सेदारी करीब 52% है. दूसरी तरफ, चाय का हिस्सा 17 फीसदी है. 2021 में श्रीलंका का अपैरल और टेक्सटाइल एक्सपोर्ट 22.93 फीसदी बढ़कर 5.415 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. इसी तरह 2021 में श्रीलंकाई चाय का एक्सपोर्ट 6.72 फीसदी बढ़कर 1.324 अरब डॉलर रहा.

भारत की बात करें तो 2021-22 में अप्रैल से दिसंबर के 9 महीनों में टेक्सटाइल एक्सपोर्ट सालाना आधार पर 31 फीसदी बढ़कर 29.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. कुल एक्सपोर्ट के लिहाज से भी भारत ने एक बड़ा पड़ाव इस साल हासिल किया है.

2021-22 में देश ने 419 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट आंकड़ा पार कर लिया है. अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, AEPC के चेयरमैन नरेंद्र गोयनका ने मनी9 को बताया, “श्रीलंका में संकट से निश्चित तौर पर भारतीय टेक्सटाइल और अपैरल एक्सपोर्टर्स को फायदा होगा. हमारे पास ऑर्डर्स की इनक्वायरीज आ रही हैं.”

भारत की तरफ शिफ्ट हो सकते हैं ऑर्डर
वे कहते हैं कि यूएस और यूरोपीय बाजारों से कुछ ऑर्डर भारत की तरफ शिफ्ट हो सकते हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि अभी ये कहना सही नहीं होगा कि इससे एक्सपोर्ट में कितने फीसदी का इजाफा होगा, लेकिन ओवरऑल भारतीय एक्सपोर्टर्स को फायदा होना तय है.

नए बाजारों के बारे में गोयनका ने कहा कि भारतीय टेक्सटाइल सेक्टर के लिए लैटिन अमरीकी देशों के बाजार भी खुल रहे हैं और AEPC इन बाजारों पर काफी जोर दे रही है, तो कुल मिलाकर कोविड और दूसरी आर्थिक चुनौतियों के दौर में भारतीय टेक्सटाइल सेक्टर के लिए ये एक अच्छी खबर की तरह है.

Published - April 25, 2022, 05:00 IST