Money9 की मुहीम है कि देश के 130 करोड़ लोगों तक फाइनेंस के प्रति जागरुता आए और लोग बचत से आगे आकर निवेश की सीढ़ी चढ़ें. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर ये चर्चा और जरूर हो जाती है कि क्योंकि फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planning) में महिलाओं की भागीदारी और पैसे से जुड़े फैसले खुद लेने का रुझान बढ़े. अपना बिजनेस शुरू करना हो, या अपने मंथली इनकम का सही इन्वेस्टमेंट या फिर कौन सी इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदनी है – महिलाएं खुद इन्हें समझकर इनपर फैसले ले सकें.
Money9 से खास चर्चा में मार्केट एक्सपर्ट पुनीता कुमार सिन्हा ने बताया कि वे मानती हैं कि महिलाएं सोच-समझकर रिस्क लेती हैं जो फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planning) में बड़ी खूबी है. पैसों के मैनेजमेंट में अपने जोखिम समझकर निवेश करना जरूरी है. पुनीता मानती हैं कि निवेश में महिलाएं विवेक से काम लेती हैं लेकिन जो फैसले लेती हैं उनपर डटीं रहती हैं.
हालांकि महिलाओं में फाइनेंशियल प्लानिंग और इसपर रोजमर्रा की जंदगी में कितनी जागरुक हैं, इसपर पेटिएम ने भी एक सोशल एक्सपेरिमेंट किया. कंपनी ने एक वीडियो भी जारी किया जिसमें 30 लोगों के बीच कुछ सवाल-जवाब किए हैं. इन 30 लोगों में अलग-अलग करियर के लोग शामिल थे. सवाल आसान हैं, आम जिंदगी से जुड़े. शुरुआत के सवालों में साइकल चलाने, स्पोर्ट्स के लिए ट्रेनिंग, कपड़े इस्त्री करने से लेकर नाश्ता बनाने जैसी चीजें पूछी गई हैं – लेकिन धीरे-धीरे फाइनेंशियल फैसलों (Financial Planning) पर सवालों ने किया रुख. मसलन – सैलरी ब्रेक-अप, इंश्योरेंस, निवेश, अपने इलाके का सर्कल रेट, गोल्ड का भाव, इनकम टैक्स खुद भरना आदि.
सवाल का जवाब अगर हां था तो लोगों को एक कदम आगे बढ़ना था, ना होने पर एक कदम पीछे. शुरुआत में सभी के कदमताल बराबरी के थे लेकिन जैसे-जैसे सवाल फाइनेंस, निवेश और पर्सनल प्लानिंग पर बढ़ें, महिलाएं पीछे छूटती नजर आईं. वीडियो में प्लानिंग को लेकर पुरुषों और महिलाओं के बीच के इस गैप को साफ-साफ दिखाया है. यहां देखें वीडियो –
On the occasion of #InternationalWomensDay, we invited 30 people to participate in a social experiment.
The results, were striking. pic.twitter.com/rDWjWGDvy4
— Paytm (@Paytm) March 6, 2021
सोशन एक्सपेरिमेंट में शामिल लोगों ने बताया कि कई बार फाइनेंस के फैसले दूसरे पर टालते आए हैं. समाज में भी महिलाओं और पुरुषों की जो जिम्मेदारियां बताई जाती हैं, फाइनेंशियल प्लानिंग और पैसे से जड़े फैसले लेना इस बंधन को तोड़ता है और महिलाओं को खुद के फैसले लेने में सशक्त बनाता है. Money9 की कोशिश है कि ऐसे गैप कम हों और महिलाएं भी अपने कमाए पैसों से जुड़े फैसले पूरे भरोसे के साथ खुद लें.