यह सच है कि पैसा व्यक्ति की जगह नहीं ले सकता है, लेकिन यह भी कड़वा सच है कि पैसा तकलीफों को कुछ हद तक कम कर सकता है. इसलिए यह बहुत जरूरी होता है कि अपने निवेश को परिवार के साथ साझा करें, ताकि वक्त पड़ने पर वे तकलीफों को दूर कर सकें.
हालांकि, अक्सर ऐसा होता नहीं है. जानकारी के अभाव परिवार असहाय हो जाता है. लेकिन, चिंता करने की बात नहीं है. आपकी मदद करने के लिए मनी 9 की हेल्पलाइन (Money9 Helpline) हमेशा तैयार है.
बुधवार को हेल्पलाइन में फिनसेफ की फाउंडर प्रतीभा गिरीश ने मनी 9 हेल्पलाइन (Money9 Helpline) में देश भर से जुड़े कॉलर्स के सवालों के जवाब दिए.
कोरोना संक्रमण के कारण मेरे पति नहीं रहे. वे कौन सी इंश्योरेंस पॉलिसी चला रहे थे, इसकी जानकारी मुझे नहीं है, लेकिन वे ऑनलाइन प्रीमियम भरते थे. मुझे क्या करना चाहिए?
रचना पारीक, गुजरात
आप उनके बैंक अकाउंट का एक साल का स्टेटमेंट निकलवा लीजिए. इससे आपको इंश्योरेंस पॉलिसी की जानकारी हो जाएगी कि कब और किस कंपनी का प्रीमियम भरा है. इसके बाद क्लेम करना मुश्किल नहीं है. बस डेथ सर्टिफिकेट लगाना होगा.
साथ ही अगर वे प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में सालाना 330 रुपये का प्रीमियम भरते थे, तो आपको दो लाख रुपये मिल जाएंगे.
कोरोना से मैंने अपने पति को खो दिया है. उनकी दो लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी चल रही थीं. इसका क्लेम करने के लिए मुझे क्या प्रक्रिया अपनानी पड़ेगी?
दीप्ति बनर्जी, पश्चिम बंगाल
पॉलिसी नंबर है तो बहुत आसानी से यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. इस समय क्लेम सेटलमेंट आसानी से हो रहे हैं. बस आपको कंपनी को सूचित करना होगा. कुछ दस्तावेज देने होंगे.
मेरी मां का देहांत हो चुका है. उन्हें 15 हजार रुपये पेंशन मिलती थी. लेकिन, कोई नॉमिनी नहीं था. उनका खाता भी गांव की ब्रांच में है. कैसे पैसा निकाला जा सकता है. इसके अलावा उनकी एक प्रॉपर्टी भी है. क्या करना होगा?
शीतल त्रिवेदी, अहमदाबाद
आपको एक बार बैंक शाखा में विजिट करना पड़ सकता है. बैंक को जानकारी देनी होगी. वहीं, प्रॉपर्टी के मामले में अगर नॉमिनी है तो आसानी से काम हो जाएगा.