गगन और जगन दोनों बचपन के मित्र हैं और दोनों को प्राइमरी मार्केट यानी IPO बाजार में पैसा लगाने का लंबा अनुभव है. पिछले 2 साल में इन दोनों ने सभी कंपनियों के IPO में 2 लाख रुपए की अर्जी लगाई और दोनों को लगभग सभी कंपनियों में सब्सक्रिप्शन भी मिला है. पर एक समान निवेश राशि और एक जैसी कंपनियों में पैसा लगाने के बावजूद दोनों के रिटर्न में काफी अंतर है. गगन को मौटा मुनाफा हो रहा है पर जगन सिर्फ मामूली मुनाफे में हैं. बावजूद इसके कि बीते 2 साल में आए करीब 100 IPO में से करीब 20 IPO ही अपने इश्यू प्राइस से नीचे कारोबार कर रहे हैं. अब सवाल ये है कि आखिर गगन और जगन के रिटर्न में अंतर क्यों है? इसे समझने के लिए दोनों की IPO से निकलने की यानी कि exit करने की रणनीति पर फोकस करना होगा.
पहले ये समझते हैं कि गगन और जगन के पोर्टफोलियो में अंतर क्या है?
जगन के पोर्टफोलियो में Paytm, PB Fintech, Delhivery जैसी स्टार्टअप कंपनियों के IPO में मिले शेयर आज भी रखे हुए हैं. ये तीनों शेयर लिस्ट होने के 1.5-2 साल बाद भी अपने इश्यू प्राइस से नीचे कारोबार कर रहे हैं. दरअसल स्टार्टअप कंपनियों के ऑफर डॉक्यूमेंट बहुत अच्छे होते हैं पर 1-2 तिमाही में सारी तस्वीर बदल जाती है जब घाटे की स्थिति जारी रहती है.
यही नहीं जगन के पास LIC का शेयर भी रखा है जो मई 2022 में लिस्ट होने के बाद कभी भी 949 रुपए के इश्यू प्राइस के पार नहीं गया. जबकि बाजार को इस IPO का बेसब्री से इंतजार था.
वहीं गगन की बात करें तो उनके पास आज भी Zomato का शेयर रखा हुआ है जिसकी लिस्टिंग धमाकेदार थी. 76 रुपए के इश्यू प्राइस के मुकाबले जुलाई 2021 में ये शेयर NSE पर 116 रुपए पर लिस्ट हुआ था और नवंबर 2021 में शेयर ने 169 रुपए की ऊंचाई को भी छुआ पर फिलहाल ये शेयर 122 रुपए पर कारोबार कर रहा है. इसके अलावा उनके पास Plaza Wires का शेयर भी है जो दमदार लिस्टिंग के बाद करीब एक महीने में ही 2 गुना से ज्यादा रिटर्न दे चुका है और Kaynes Technology का शेयर करीब 1 साल पहले लिस्ट होने के बाद 4 गुना से ज्यादा कमाई करा चुका है.
अब जो शेयर जगन ने होल्ड किए हैं वो सब घाटे में हैं और जो शेयर गगन ने अपने पोर्टफोलियो में रखे हुए हैं वो अच्छी कमाई करवा रहे हैं. तो ये कैसे decide करें कि कौनसा शेयर में लिस्टिंग गेन पर निकल जाना चाहिए?
Mantri FinMart के Founder Arun Mantri के मुताबिक, “वैसे कोई set parameter नहीं है पर अगर कोई IPO मार्केट PE यानी बाजार के वैल्युएशन के ऊपर आता है तो maximum 7-10 दिन में reversal आ जाता है यानी शेयर में मुनाफावसूली हावी हो जाती है. वहीं वैल्युएशन अच्छे हों तो लिस्टिंग गेन 1-1.5 महीना तक टिक जाते हैं. दूसरा कंपनी किस सेक्टर में है, ये देखना भी अहम है. उदाहरण के तौर पर अगर कंपनी रिन्यूएबल एनर्जी जैसे ग्रोथ वाले सेक्टर में है तो स्टॉक टिका रहता है. पर अगर सेक्टर में कॉम्पिटिशन ज्यादा हो और ग्रोथ की संभावना न हो तो शेयर पिट सकता है. पर जगन के विपरीत गगन की ओर से पोर्टफोलियो में रखे ज्यादातर शेयर आज भी मुनाफे में हैं. तो आखिर ये कैसे decide करें कि कौनसे IPO को लंबे समय के लिए होल्ड किया जाए?
Market Expert, Ravi Singh जी का मानना है कि,” किसी कंपनी के IPO में पैसा लगाने से पहले ही decide कर लें कि लिस्टिंग गेन के लिए पैसे लगा रहे हैं या लंबी अवधि के लिए. लंबी अवधि के निवेश उस कंपनी मे होगा जिसके फंडामेंटल्स अच्छे हैं, जिसके पास बकाया ऑर्डर्स हैं, मुनाफे की ग्रोथ बीती तिमाहियों में मजबूत रही हो, बैलेंस शीट पर कैश मौजूद हो. IPO में पैसा लगाने की सबसे अच्छी रणनीति है कि आप पूरा लिस्टिंग गेन कभी न निकालें. केवल अपना कैपिटल यानी पूंजी निकालें और मुनाफे के बराबर शेयरों में निवेशित रहें. अगर 50% मुनाफा हो रहा तो 50% रकम निकाल लें और अगर 100% फायदा हो रहा तो पूरी 100% रकम निकाल लें और वित्तीय सलाहकार से दोबारा एंट्री पर राय लें.
वहीं Arun Mantri जी का मानना है कि,” किसी कंपनी के IPO को लंबा होल्ड करने के लिए ब्रैंड देखना अहम है जैसे अभी Tata Technologies का IPO आ रहा है. मैनेजमेंट अच्छा हो, मुनाफे में ग्रोथ की संभावना हो, कंपनी पर कर्ज न हो और कंपनी को घाटा न हो रहा हो. ऐसी स्थिति में महंगे वैल्युएशन वाला शेयर भी टिक रहता है, जिसे लंबे समय तक होल्ड किया जा सकता है.”
तो कुल मिलाकर IPO में पैसा लगाते वख्त हर कंपनी के लिए अलग-अलग रणनीति होनी चाहिए. अगर ब्रैंड मजबूत हो और कंपनी ग्रोथ वाले सेक्टर का हिस्सा तो लंबे समय के लिए भी होल्ड किया जा सकता है. बशर्ते कंपनी मुनाफा कमा रही हो और कर्ज मुक्त हो. पर अगर वैल्युएशन सस्ते न हों तो लिस्टिंग गेन पर पैसा लेकर निकल जाने में ही समझदारी है.