वित्त वर्ष 2023-24 में शेयर बाजार की तरह प्राइमरी मार्केट में भी जबरदस्त एक्शन देखने को मिला. FY24 में कुल 76 कंपनियों ने IPO मार्केट के जरिए करीब 63,000 करोड़ रुपए की पूंजी जुटाई, जो FY23 यानी पिछले वित्त वर्ष की तुलना में करीब 21 फीसद ज्यादा है. लेकिन FY25 में IPO मार्केट की स्थिति कैसी रहेगी? इस वित्त वर्ष में कितनी कंपनियों के IPO आ सकते हैं? कंपनियां IPO से कितना पैसा जुटा सकती हैं? और प्राइमरी मार्केट में आपकी क्या रणनीति होनी चाहिए? आइए समझते हैं.
भारतीय अर्थव्यवस्था 7 फीसद से ज्यादा की रफ्तार से बढ़ रही है. कॉर्पोरेट जगत को हर साल करीब 2.5 लाख करोड़ रुपए के इक्विटी कैपिटलाइजेशन यानी पूंजी की जरूरत है. इन दोनों बातों को ध्यान में रखकर कॉर्पोरेट इंडिया FY25 में IPO के जरिए 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की पूंजी जुटा सकता है. Investment bankers का मानना है कि पूंजी जुटाने की रफ्तार में तेजी का अंदाजा इस बात से लगता है कि कई कंपनियां प्राइमरी मार्केट से पूंजी जुटाने के लिए कतार में हैं.
कुल मिलाकर 56 कंपनियों ने 70,000 करोड़ रुपए जुटाने के लिए मार्केट रेगुलेटर SEBI के पास अर्जी दाखिल की है. इनमें से 19 कंपनियों को 25,000 करोड़ रुपए जुटाने के लिए SEBI से मंजूरी मिल भी चुकी है. वहीं 45,000 करोड़ रुपए जुटाने के लिए 37 अतिरिक्त कंपनियां रेगुलेटर की मंजूरी का काफी उत्सुकता से इंतजार कर रही हैं.
इन 56 में से 9 कंपनियां नए जमाने की टेक्नोलॉजी आधारित फर्म्स हैं और एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये कंपनियां कुल मिलाकर करीब 21,000 करोड़ रुपए जुटाना चाहती हैं. इन कंपनियों में Swiggy, Ola Electric, Tata Play और GoDigit General Insurance जैसे बहुचर्चित नाम भी शमिल हैं. FY24 में आए कुल 76 IPOs में से 55 कंपनियां यानी 70 फीसदी से ज्यादा शेयर, सेकेंडरी मार्केट यानी शेयर बाजार में अब भी अपने इश्यू प्राइस से ऊपर कारोबार कर रहे हैं. इनमें से 13 कंपनियों के शेयरों ने अपने निवेशकों का पैसा 2 गुना कर दिया है.
इन IPOs के अच्छे प्रदर्शन के पीछे कई वजह हैं. एक, शेयर बाजार में जारी तेजी का मोमेंटम. दूसरा, रिटेल निवेशकों की ओर से IPOs में उत्साहजनक तरीके से हिस्सा लेना और तीसरा है संस्थागत निवेशकों की ओर से जारी मजबूत खरीदारी. जानकारों का मानना है कि मजबूत आर्थिक ग्रोथ की बदौलत IPO बाजार में काफी एक्शन दिख रहा है… और कई अलग तरह की innovative कंपनियां बाजार में किस्मत आजमाने के लिए उतरने वाली हैं. इसलिए FY25 भी बाजार के लिए काफी अच्छा रह सकता है.
प्राइमरी मार्केट में IPO की इस लहर के पीछे घरेलू पूंजी की availability में बढ़ोतरी. गवर्नेंस को लेकर उठाए गए कदम… सरकार की ओर से लागू की गई अनुकूल नीतियां कुछ बड़े कारण हैं. यही नहीं, देश में तेजी से बढ़ रही वित्तीय साक्षरता यानी financial literacy और संस्थागत निवेशकों की प्रतिबद्धता से भी माहौल में काफी अंतर आया है. अगर विदेशी बाजारों से कोई बड़ी खराब खबर नहीं आती है या geopolitical tensions नहीं बढ़ती है, तो इस वित्त वर्ष में जुटाई जाने वाली रकम 1 लाख करोड़ रुपए के पार हो सकती है.
स्टॉक मार्केट एक्सपर्ट Arun Kejriwal के मुताबिक पैसों के फ्लो यानी लिक्विडिटी, बाजार के अच्छे मूड और एक से दूसरे IPO के बीच अंतर से लोगों को प्राइमरी मार्केट से पैसा बनाने में काफी मदद मिली है. सबसे अहम और हर किसी के मन में तैर रहा सवाल ये है कि FY25 में प्राइमरी मार्केट में निवेशकों की क्या रणनीति होनी चाहिए?
Arun Kejriwal का मानना है कि FY24 के शुरुआती महीनों में IPOs में लोगों के पैसे बनाए क्योंकि वैल्युएशन अच्छे थे, पर आखिरी के दो-ढाई महीने में आए इश्यू महंगे होने के कारण अच्छा नहीं कर सके. इसी तरह FY25 में भी अगर वैल्युएशन अच्छे रहे तो IPO अच्छा करेंगे और लोगों का पैसा बनेगा. Ola Electric, Swiggy और Tata Play के IPO पैसा लगाने के लिए interesting होंगे, बशर्ते इनके वैल्युएशन अच्छे हों.
कुल मिलाकर FY24 की तरह FY25 में भी प्राइमरी मार्केट में काफी एक्शन रहने की संभावना है, जिसमें कई सारी innovative कंपनियों में निवेश करने का भी मौका मिलने वाला है. हालांकि इन कंपनियों में निवेश का फैसला वैल्युएशन और फंडामेंटल्स के आधार पर लेना चाहिए. कोई दुविधा हो तो निवेश सलाहकार से राय लेने में भी संकोच नहीं करना चाहिए.