IPO Listing New Rules: प्राइमरी मार्केट में IPO की बहार है. निवेशक भी लिस्टिंग गेन का फायदा उठाने के लिए IPO में खूब पैसे लगा रहे हैं. सिर्फ नवंबर 2023 के दौरान, निवेशकों ने 10 आईपीओ के लिए 5.41 लाख करोड़ रुपये लगा दिए हैं. हालांकि कई बार अलग-अलग IPO की लिस्टिंग को लेकर कन्फ्यूजन रहता है. लेकिन 1 दिसंबर से यह कन्फ्यूजन दूर हो जाएगा. 1 दिसंबर से IPO लिस्टिंग के लिए T+3 का नियम का लागू हो गया है. इसका मतलब है कि निवेशकों को IPO की क्लोजिंग डेट के बाद 3 दिन के अंदर मार्केट में शेयर की लिस्टिंग करनी होगी.
इस नए नियम से निवेशकों का पैसा उनके खातों में कम दिन के लिए लॉक रहेगा. आईपीओ की लिस्टिंग की समय सीमा घटने से निवेशकों के साथ-साथ IPO जारी करने वाली कंपनियों को भी फायदा होगा. कंपनियां IPO से जुटाई गई राशि का जल्दी इस्तेमाल कर पाएंगी.
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इस साल जून में आईपीओ लिस्टिंग की समयसीमा को छह दिन से घटाकर तीन दिन कर दिया था. नया नियम दो चरणों में लागू किया गया, जहां 1 सितंबर, 2023 से इसे वैकल्पिक किया गया और 1 दिसंबर, 2023 से इसे अनिवार्य कर दिया गया.
सर्कुलर के बाद कई कंपनियों ने तीन दिन के भीतर IPO की लिस्टिंग करनी शुरू कर दी थी. हाल में आए 5 IPO में से 4 कंपनियों इरेडा, टाटा टेक, गांधार ऑयल और फेडबैंक फाइनेंशियल सर्विसेज की लिस्टिंग T+3 के आधार पर हुई थी. जबकि फ्लेयर राइटिंग के आईपीओ ने लिस्टिंग करने के लिए T+6 नियम के मुताबिक हुई.