यह साल लघु एवं मझोले उपक्रमों (SME) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के लिए अबतक काफी अच्छा रहा है. पारिवारिक कार्यालयों के साथ-साथ हाई नेट वर्थ वाले व्यक्तियों (HNI) की मजबूत भागीदारी, बाजार में पर्याप्त तरलता और निवेशकों की सकारात्मक धारणा के चलते SME के आईपीओ को अभी तक बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है.
विभिन्न इकाइयों ने इस साल अबतक 139 एसएमई आईपीओ के जरिये 3,540 करोड़ रुपए जुटाए हैं. प्राइमडेटाबेस डॉट कॉम के मुताबिक पिछले साल पूरे 2022 में 109 कंपनियों ने एसएमई आईपीओ से 1,875 करोड़ रुपए जुटाए थे.
विशेषज्ञों ने कहा कि आगे भी एसएमई आईपीओ के लिए परिस्थितियां अनुकूल रहने की उम्मीद है. अरिहंत कैपिटल मार्केट्स के शोध प्रमुख अभिषेक जैन ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों की वृद्धि क्षमता, निवेशकों की धारणा और संभावित नियामकीय बदलाव जैसे कारकों से लघु एवं मझोली कंपनियों के लिए आईपीओ के जरिये धन जुटाने की परिस्थतियां आगे भी अनुकूल रहने की उम्मीद है.
उद्योग के आंकड़ों के अनुसार, कुल 139 आईपीओ ने एसएमई मंच बीएसई एसएमई और एनएसई इमर्ज पर शुरुआत की है. इस साल 20 अक्टूबर तक विभिन्न कंपनियों ने एसएमई आईपीओ के जरिए कुल 3,540 करोड़ रुपए की राशि जुटाई है. इसके अलावा अगले सप्ताह दो कंपनियों पैरागॉन फाइन एंड स्पेशियल्टी केमिकल और ऑन डोर कॉन्सेप्ट के आईपीओ आने वाले हैं.
लघु एवं मझोले उपक्रम क्षेत्र की आईपीओ लाने वाली कंपनियां मुख्य रूप सूचना प्रौद्योगिकी, एफएमसीजी, वाहन कलपुर्जा, फार्मा, बुनियादी ढांचा, विज्ञापन और आतिथ्य क्षेत्र से जुड़ी हैं. इन कंपनियों ने विस्तार, कार्यशील पूंजी की जरूरत को पूरा करने और कर्ज चुकाने के लिए यह राशि जुटाई है.
क्लाइंट एसोसिएट्स के सह-संस्थापक हिमांशु कोहली ने कहा कि धन जुटाने की गतिविधियों में बाजार में तेजी की वजह से बढ़ोतरी हुई है. इसके अलावा बाजार में नकदी की स्थिति भी अच्छी है और कंपनियां अपना कारोबार बढ़ा रही हैं. ऐसे में पूंजी की भारी मांग बनी हुई है. कई कंपनियां बाजार की अनुकूल परिस्थितियों का लाभ उठा रही हैं और सार्वजनिक निर्गम के जरिए पूंजी जुटा रही हैं.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा बिक्री पेशकश (ओएफएस) की भी भारी मांग है क्योंकि इन कंपनियों में निवेश करने वाले निवेशक मूल्य निकालना चाहते हैं और बाहर निकलना चाहते हैं. अकेले सितंबर माह में 37 एसएमई आईपीओ आए हैं. इस साल का सबसे बड़ा निर्गम स्पेक्ट्रम टैलेंट मैनेजमेंट का रहा, जिसने आईपीओ के जरिए 105 करोड़ रुपए की राशि जुटाई है.