अक्सर निवेश और बचत को पर्याय माना जाता है. हालांकि, दोनों एक दूसरे से बिल्कुल अलग हैं. बचत की आदत (Save Money) अच्छी है. लेकिन, जब तक इसका निवेश (Investment Tips) नहीं करेंगे, इस रकम का पूरा फायदा नहीं होता. आपका पैसा आपको वापस कमा कर दे सकता है और भविष्य के सपनों को पूरा करने में भी मदद करता है. ये तभी संभव है जब आप लक्ष्य पहचानें और इसके लिए निवेश शुरू करें. बचत से ही निवेश (Investment Tips) का रास्ता खुलेगा.
कहां करें निवेश?
ये सवाल बड़ा है लेकिन जवाब बेहद आसान.
घर या गाड़ी खरीदने जैसे लक्ष्य हों या शादी और बच्चों की पढ़ाई, सबसे पहले लक्ष्य की रकम (Investment Portfolio) तय करें.
इन लक्ष्यों के लिए कितना समय चाहिए वो तय करें.
अगर आपके पास लंबा वक्त है तो इक्विटी आधारित निवेश चुनना सही होगा.
छोटी समय सीमा वाले लक्ष्य के लिए डेट (Debt Funds) या लिक्विड फंड (Liquid Funds) बेहतर हैं.
निवेश करने से पहले बचत जरूरी है और इस दौरान नौकरी जाने या सैलरी घटने जैसे किसी आपातकाल के लिए पैसा (Emergency Fund) जमा करना भी जरूर ध्यान रखें.
क्या है एक्सपर्ट की सलाह?
एक्सपर्ट सलाह देते हैं (Investment Tips) कि कम से कम 6 महीने के खर्च के बराबर की रकम को बैक-अप फंड (Bank-up fund) के तौर पर जमा करना चाहिए. वाइज इन्वेस्ट एडवाइजर्स के हेमंत रुस्तगी (Hemant Rustagi) का मानना है कि बचत और निवेश (Investment Portfolio) एक ही सिक्के के दो पहलू हैं- एक दूसरे से अलग लेकिन एक दूसरे के बिना अधूरे हैं.
कितनी बचत से बनेगी बात?
आपके लक्ष्य के लिए आपको कितनी रकम चाहिए (Goal based Investing) इस आधार पर बचत और निवेश तय होगा. ध्यान रहे कि रकम में महंगाई को भी जरूर जोड़ें. आप जो भी रकम जमा करना चाहते हैं उसमें महंगाई के असर का ख़्याल ज़रूरी है.
क्या है रियल रिटर्न?
रिटर्न का आकलन करते वक्त टैक्स (Tax) और महंगाई (Inflation) को भी जोड़ें. रियल रिटर्न वो कमाई है जो टैक्स देनदारी और महंगाई दर घटाने के बाद आपके हाथ में आए.