How to Protect Your Retirement Corpus from Tax: सुरत में रहने वाले मुकेश सोलंकी फरवरी-2022 में सेवानिवृत होने वाले हैं और उन्हें कम से कम 56 लाख रूपये रिटायरमेंट फंड के तौर पर मिलने की उम्मीद है. इतनी बड़ी रकम को कैसे और कहां निवेश करना चाहिए, इस बात को लेकर मुकेश भाई चिंतित हैं, उनके जैसे कई लोग हैं जो अपने रिटायरमेंट फंड की निवेश योजना के बारे में चिंतित हैं. ऐसे लोगों को इंवेस्टमेंट एड्वाइजर सलाह देते हैं कि, सेवानिवृत्ति के बाद पूंजी संरक्षित रखते हुए टैक्स प्लानिंग के साथ निवेश की योजना बनानी चाहिए.
अहमदाबाद स्थित प्रमुख वित्तीय सलाहकार अमिषेक उपाध्याय के मुताबिक, रिटायरमेंट के बाद आपके हाथ में आने वाले पैसे को सही जगह निवेश करना चाहिए और सरकार की विभिन्न योजनाओं एवं टैक्स के नियमों का फायदा उठाना चाहिए.
उपाध्याय कहते हैं, “रिटायरमेंट फंड अत्यंत कीमती है क्योंकि प्राप्तकर्ता को यह उसके सेवा जीवन के अंत में मिलता है और अब उसे पूरा जीवन इस फंड के सहारे बीताना हैं. इसलिए, एक-एक रुपया कीमती है और बिना सोचे-समझे और लापरवाह निवेश में कुछ भी बर्बाद नहीं करना चाहिए.”
टैक्स एक्सपर्ट CA धवल लिंबानी बताते हैं कि, उच्च टैक्स ब्रैकेट के तहत आने वाले सेवानिवृत्त लोग अपने कॉर्पस के एक हिस्से को डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं जो काफी कर कुशल हैं. मौजूदा परिदृश्य में, ऐसी योजनाओं से 7.5% रिटर्न की उम्मीद की जा सकती है. यदि निवेश कम से कम तीन साल के लिए होता है और आप इकाइयों को भुनाकर कुछ पैसे कमाते हैं, तो आपकी कर देयता बहुत कम होगी, क्योंकि आप आईटी अधिनियम के तहत अनुमत इंडेक्सेशन लाभ के हकदार होंगे.
टैक्स लाएबिलिटी को कम करने के लिए, आप बेटे, बेटी या माता-पिता को एक बड़ी राशि का उपहार दे सकते हैं. ये लोग ऐसे होने चाहिए जो टैक्स ब्रैकेट के अंतर्गत नहीं आते हैं या उच्च ब्रैकेट में नहीं आते हैं. उनको गिफ्ट दी गई पर राशि पर कोई कर देने की आवश्यकता नहीं है और प्राप्तकर्ता भी या तो बहुत कम टैक्स देगा या टैक्स के दायरे से बाहर रहेगा.
ऐसा करने का उद्देश्य कर योग्य आय को न्यूनतम करने के लिए आयकर अधिनियम के तहत अनुमत अधिकतम कटौतियों का पूर्ण उपयोग करना हैं, ऐसा लिंबानी मानते हैं.
डेट फंड में पैसे लगाकर आप इंडेक्सेशन बेनिफिट भी ले सकते हैं. इंडेक्सेशन की मदद से, कोई भी लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ (कैपिटल गेन) को कम कर सकता है जो कर योग्य आय को कम करता है.
रिटायरमेंट के बाद के जीवन के लिए आवश्यक राशि की गणना करने के लिए आसान फॉर्मूला उपलब्ध है, जिसमें रिटायरमेंट की अवधि ‘n’ है.
आज से ‘n’ वर्ष बाद वर्तमान आवश्यकताओं का भावी मूल्य = वर्तमान खर्चx(1+महंगाई दर)xn
आपको मौजूदा खर्च के अलावा होने वाले खर्च को आधार बनाना चाहिए. जो खर्च आज हो रहे हैं वो रिटायरमेंट के बाद नहीं होंगे, जैसे की बच्चों की शिक्षा, होम लोन किस्त वगैरह. रिटायरमेंट के बाद आपका हेल्थ खर्च बढ सकता हैं.
साल दर साल निर्वाह खर्च बढ़ता चला जा रहा है. आज का 50,000 रुपये मासिक घर खर्च 25 साल के बाद 5 फीसदी महंगाई दर के हिसाब से बढ़कर करीब 1.7 लाख रुपये (3.5 गुना) हो जाएगा.
महंगाई का असर रिटायर होने के बाद भी पड़ेगा, बल्कि कमाई न होने की वजह से इसका असर ज्यादा पड़ेगा. रिटायरमेंट सेविंग के लिए कम से कम 8 फीसदी महंगाई दर के आधार पर गिनती करनी चाहिए.