वैश्विक स्तर पर मिल रहे संकेतों के आधार पर भारतीय बाजार में गोल्ड की कीमतें लगातार कम हो रही हैं. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज के रेट के हिसाब से सोना 46,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के नीचे फिसलकर चार महीने के अपने सबसे निचले स्तर पर आ गया है. निवेश बाजार में गोल्ड को सबसे सुरक्षित विकल्प माना जाता है. कई निवेशक सोचते हैं कि क्या उन्हें अभी सोना खरीदना या बेचना चाहिए?
गोल्ड की कीमतों में आ रही गिरावट के पीछे एक बड़ी वजह यूएस डॉलर का अन्य बड़ी करेंसी की तुलना में अधिक मजबूत होना है. अमेरिकी डॉलर और गोल्ड की कीमतें विपरीत रूप से कोररिलेटेड है. जब भी यूएस डॉलर को बाजार में मजबूती मिलती है तो गोल्ड की कीमतों पर इसका असर पड़ता है. इनके अलावा दूसरा बड़ा कारण यूएस में जॉब डेटा है, जिसने फेडरल रिजर्व द्वारा जल्द से जल्द टेपरिंग होने की संभावना को बढ़ा दिया है. इसके अलावा, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में वृद्धि के चलते निवेशक अब गोल्ड से ज्यादा बॉन्ड में निवेश करना पसंद कर रहे हैं.
यदि आप ज्वैलरी के लिए गोल्ड खरीदना चाहते हैं तो कीमतों में गिरावट आपके लिए एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है. वहीं निवेशकों के लिए फिलहाल अधिक चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह गिरावट लंबे समय तक नहीं टिकी रहेगी. हालांकि निवेशक अभी बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं जोकि कम कीमतों पर भी उपलब्ध हैं. आगामी 13 अगस्त तक SGB स्कीम का सब्सिक्रिप्शन 4,790 रुपये में प्रतिग्राम तक उपलब्ध है. यदि निवेशक ऑनलाइन या फिर डिजिटल पेमेंट का ऑप्शन लेते हैं तो प्रति ग्राम पर 50 रुपये तक का डिस्काउंट भी पा सकते हैं. यदि हम पिछले तीन बॉन्ड से तुलना करें तो यह कीमत सबसे कम है. सही तरीका यह है कि आप अपने पोर्टफोलियो के 10-15% तक सोने की रिस्क को सीमित करें, क्योंकि एक अच्छा पोर्टफोलियो आपको अचानक से आने वाले झटके से बचा सकता है.