अगर आपने अपनी जॉब छोड़ दी है या खो दी है, तो आप अपना ईपीएफ (EPF) का पैसा सर्विस के पांच साल पूरे होने से पहले भी निकाल सकते हैं. आयकर नियमों के अनुसार, यह निकासी टैक्सेबल होती है. ईपीएफ के नियमों के अनुसार, कोई सदस्य बेरोजगार होने के एक महीने बाद पीएफ खाते से 75 फीसद तक की राशि निकाल सकता है. अगर व्यक्ति दो महीने या इससे अधिक समय तक बेरोजगार रहता है, तो वह पीएफ खाते से शेष 25 फीसद राशि की भी निकासी कर सकता है. इसका मतलब है कि एक बेरोजगार व्यक्ति दो जॉब छूटने के दो महीने बाद अपने पूरी पीएफ राशि की निकासी कर सकता है.
ईपीएफओ (EPFO) के अनुसार, दो महीने का यह वेटिंग पीरियड शादी करने के लिए जॉब से इस्तीफा देने वाली महीला के लिए जरूरी नहीं होता है. वहीं, जो सब्सक्राइबर 54 साल से ऊपर की उम्र के हो गए हैं, वे किसी भी समय अपनी पीएफ राशि का 90 फीसद तक हिस्सा निकाल सकते हैं.
यहां बता दें कि ईपीएफओ कोविड -19 संकट से उत्पन्न वित्तीय आपात स्थितियों को पूरा करने के लिए सदस्य के खातों से आंशिक निकासी की भी अनुमति देता है। सदस्य तीन महीने की बेसिक सैलरी और डीए या खाते में जमा शेष राशि का 75%, जो भी कम हो, के बराबर राशि निकाल सकते हैं।
पांच साल की लगातार सर्विस से पहले पीएफ खाते से निकासी टैक्सेबल होती है। हालांकि, कुछ परिस्थितियों में पांच साल से पहले की गई निकासी भी टैक्स फ्री होती है। आइए जानते हैं कि ये परिस्थितियां क्या हैं-
1. कर्मचारी के खराब स्वास्थ्य या नियोक्ता द्वारा कारोबार बंद कर देने के कारण की गई निकासी.
2. नियोक्ता के नियंत्रण से परे किसी अन्य कारण से की गई निकासी भी कर मुक्त है.
3. ईपीएफ योजना के तहत लिये गए किसी भी एडवांस पर आयकर लागू नहीं होता है.
4. उस निकासी में जहां राशि 50,000 रुपये से कम हो या नियोक्ता व्यवसाय बंद कर रहा हो, तो टीडीएस नहीं कटता है।
5. यदि राशि 50,000 रुपये से अधिक है और सेवा की अवधि पांच वर्ष से कम है, तो ग्राहक उस मामले में टीडीएस से बचने के लिए फॉर्म 15जी/15एच जमा कर सकता है, जब उस वर्ष की आय कर योग्य सीमा से कम हो।