इक्विटी म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान या SIP आजकल बहुत आम है. म्यूचुअल फंड में SIP के जरिए लगातार छोटी राशि का निवेश किया जाता है, जिससे धीरे-धीरे बड़ा कॉर्पस क्रिएट किया जा सके. इसे लॉन्ग टर्म रखना है या शॉर्ट के लिए, ये व्यक्ति के गोल पर डिपेंड करता है. वो अपनी जरूरत के हिसाब से इसे शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म के लिए रख सकता है. साथ ही निवेशक म्यूचुअल फंड के जरिए इक्विटी या डेट में निवेश कर सकता है. आइए उन कारणों पर एक नज़र डालें, जो आपको बताएंगे कि SIP के माध्यम से डेट फंड में निवेश क्यों करना चाहिए:
शॉर्ट टर्म गोल
SIP के जरिए डेट फंड में निवेश करके आप बेहतर तरीके से शॉर्ट टर्म गोल प्लान कर सकते हैं. फिंटू के फाउंडर मनीष हिंगर ने कहा, “बेहतर रिटर्न, कम वोलैटिलिटी और अलग-अलग अवधि के लिए कई तरह के विकल्प SIP के जरिए डेट म्यूचुअल फंड में निवेश को एक अच्छी रणनीति बनाते हैं. अगर आपको हर महीने सैलरी मिलती है, तो शॉर्ट टर्म गोल के लिए डेट म्यूचुअल फंड में SIP के जरिए निवेश करना चाहिए.”
हैंगर ने कहा, “हालांकि, मुझे लगता है कि इक्विटी में SIP के माध्यम से निवेश करना अधिक समझदारी है. क्योंकि इक्विटी एसेट क्लास ज्यादा अस्थिर है. लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए इक्विटी में SIP करना ज्यादा अच्छा है.”
बड़े खर्च से कमाई
यह आपको लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम जैसे बड़े खर्चों का भुगतान करने के लिए फाइनेंशियल ईयर के अंत में एकमुश्त राशि जमा करने में भी मदद कर सकता है. न केवल प्रीमियम का भुगतान करना, बल्कि आप अगले साल के लिए अपने एकमुश्त निवेश की योजना भी बना सकते हैं. ऐसा इसलिए है, क्योंकि अगर आप साल की शुरुआत (5 अप्रैल से पहले) में PPF में पूरी रकम 1.5 लाख रुपये डिपॉजिट करते हैं, तो आपको अपने डिपॉजिट अमाउंट पर मैक्सिमम इंटरेस्ट मिलता है.
यदि आप हर साल 5 अप्रैल से पहले फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत में 1.5 लाख रुपये डिपॉजिट करते हैं, तो आप फाइनेंशियल ईयर के अंत में डिपॉजिट करने वाले निवेशक की तुलना में लगभग 2.69 लाख रुपये अधिक कमाएंगे. यदि आप फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत (5 अप्रैल से पहले) में निवेश करते हैं, तो मेच्योरिटी अमाउंट 40.68 लाख रुपये होगा. यदि निवेश हर साल फाइनेंशियल ईयर के अंत में 15 साल के लॉक-इन पीरियड के लिए 7.1% की ब्याज दर पर किया जाता है तो यही राशि 37.98 लाख रुपये बनती है.
रुपी कॉस्ट एवरेजिंग
वोलैटिलिटी के दौरान रुपी कॉस्ट एवरेजिंग के माध्यम से आपको बेहतर रिटर्न मिलता है, क्योंकि यह पोर्टफोलियो की वोलैटिलिटी को कम करने और एसेट अलोकेशन को बैलेंस करने में मदद करता है. डेट फंड फिक्स्ड-इनकम इन्वेस्टमेंट ऑप्शन की एक वाइड रेंज प्रोवाइड करता है, जो आपके रिस्क और इन्वेस्टमेंट की जरूरतों को पूरा करते हैं.
टैक्सेशन
टैक्स एक और कारण है, SIP के माध्यम से डेट फंड में निवेश करने का. डेट फंड में SIP के ट्रेडिशनल इन्वेस्टमेंट जैसे बैंक RD से ज्यादा फायदे हैं. डेट फंड में बैंक RD की तुलना में टैक्स रेट कम होती है. जबकि बैंक RD इंटरेस्ट पर निवेश की अवधि के दौरान निवेशक के मार्जिनल टैक्स रेट पर टैक्स लगाया जाता है. वहीं, डेट फंड रिटर्न पर केवल रिडम्पशन पर टैक्स लगाया जाता है और लंबी अवधि के निवेशक (3 साल या अधिक) 20% टैक्स रेट पर इंडेक्सेशन बेनिफिट का फायदा उठा सकते हैं.
कम रिस्क
जो इन्वेस्टर इक्विटी एसेट क्लास का रिस्क नहीं लेना चाहते हैं, उनके लिए डेट फंड में SIP एक अच्छा सेविंग ऑप्शन है. लेकिन अगर आप ज्यादा रिटर्न चाहते हैं, तो आपको अपने पोर्टफोलियो में इक्विटी को जोड़ना होगा. एडलवाइस AMC के हेड- सेल्स दीपक जैन ने कहा, “कुछ निवेशक ऐसे भी हैं जो डेट में भी SIP करते हैं, लेकिन इक्विटी में SIP करने वालों की तुलना में कम हैं. इक्विटी SIP लंबे समय में वेल्थ क्रिएट करती है. डेट म्यूचुअल फंड में इक्विटी की तुलना में रिस्क कम है और रिटर्न भी.”