एसेट एलोकेशन क्यों जरूरी है, कब कैसा होना चाहिए आपका पोर्टफोलियो

हर एक निवेशक के लिए एसेट एलोकेशन अलग-अलग होगा. सभी के ल‍िए एक फॉर्मूला नहीं है.

  • Team Money9
  • Updated Date - October 11, 2021, 04:58 IST
Balance Advantage Funds, Money Market Fund

धारणा यह है कि किसी परिसंपत्ति की कोई भी अत्यधिक कीमत अंततः लंबी अवधि में सामान्य हो जाएगी. इसलिए यह कमजोर इच्छा शक्ति वाले निवेशकों के लिए सही विकल्प नहीं है

धारणा यह है कि किसी परिसंपत्ति की कोई भी अत्यधिक कीमत अंततः लंबी अवधि में सामान्य हो जाएगी. इसलिए यह कमजोर इच्छा शक्ति वाले निवेशकों के लिए सही विकल्प नहीं है

अगर आप निवेशक हैं तो एसेट अलोकेशन का महत्व समझना जरूरी है. किस दौर में आपको कितना पैसा इक्विटी, गोल्ड, बांड या ऐसे दूसरे एसेट एसेट क्लास में होना चाहिए, इसका अपना खास महत्व है. बहुत से लोग होते हैं तो बाजार में आई तेजी देखकर अपना पूरा पैसा वहीं झोंक देते हैं, जहां दूसरे निवेश कर रहे होते हैं. वे मंदी के दौरान भी यही करते हैं. यह गलत रणनीति है. बेहतर है कि आप एसेट अलोकेशन का महत्व समझों और उसी अनुशासन में अपना हर दौर के लिए पोर्टफोलियो तैयार करें.

हर एक निवेशक के लिए एसेट एलोकेशन अलग-अलग होगा. सभी के ल‍िए एक फॉर्मूला नहीं है. इस तक पहुंचने के लिए कई बातों को ध्यान में रखना होगा. इनमें निवेशक की उम्र, लाइफस्टाइल, लक्ष्य और जोखिम लेने की क्षमता शामिल हैं.

उदाहरण के लिए कंजर्वेटिव इंवेस्टर को इक्विटी म्यूचुअल फंडों में 30 फीसदी, डेट में 65 फीसदी और गोल्ड फंड में 5 फीसदी निवेश की सलाह दी जा सकती है. वहीं, ऐसा कोई निवेशक जो थोड़ा जोखिम ले सकता है, उसे इक्विटी म्यूचुअल फंड में 80 फीसदी, डेट में 15 फीसदी और गोल्ड में 5 फीसदी निवेश के लिए कहा जा सकता है.

क्यों आपको एसेट एलोकेशन को अपनाना चाहिए?

एक ही समय में विभिन्न एसेट क्लास अलग-अलग दिशाओं में चलते हैं. इसका अनुमान लगा पाना मुश्किल है क‍ि कोई एसेट क्लास कब किस दिशा में जाएगा. उदाहरण के लिए जब शेयर चढ़ते हैं तो अमूमन सोना नीचे जाता है. जब आपका पैसा कई एसेट क्लास में लगा होगा तो आपको नुकसान का खतरा घट जाएगा. वेल्थ मैनेजर मानते हैं कि लंबी अवधि में उचित एसेट एलोकेशन से 90 फीसदी रिटर्न आता है.

रिटायरमेंट प्लानिंग में एसेट एलोकेशन

रिटायरमेंट प्लानिंग में हम अक्सर एसेट एलोकेशन को भूल जाते हैं. ऐसे लोग जिनका रिटायरमेंट 20 साल बाद होना है उन्हें पोर्टफोलियो का बड़ा हिस्सा इक्विटी का रखना चाहिए, क्योंकि इस उम्र में आपको पैसा बनाना है, यहां जोखिम लेकर आप कम्पाउंडिंग की मदद से बड़ी रकम जोड़ सकते हैं. ऐसे लोग जो 50 से अधिक उम्र के हैं उन्हें अपने पोर्टफोलियो का बड़ा हिस्सा डेट फंडों में निवेश करना चाहिए क्योंकि इसमें जोखिम बहुत कम होता है. उम्र बढ़ने के साथ या रिटायरमेंट की उम्र करीब आने के साथ आपको अपने पोर्टफोलियो में एसेट एलोकेशन इक्विटी से डेट की ओर शिफ्ट करना चाहिए.

लक्ष्य के अनुसार एसेट एलोकेशन

निवेशक को अपने लक्ष्य के अनुसार असेट अलोकेशन में बदलाव करना चाहिए है जैसे यदि आपका लक्ष्य दूर हो तो आपको इक्विटी में निवेश ज्यादा करना चाहिए और लक्ष्य करीब हो तो डेट में निवेश करना चाहिए.

एसेट एलोकेशन की कब समीक्षा करनी चाहिए?

किसी भी फाइनेंशियल प्लान की सफलता में एसेट एलोकेशन महत्वपूर्ण है. साल में कम से कम दो बार इसकी समीक्षा जरूर करनी चाहिए. यदि किसी एसेट क्लास में 10 फीसदी से ज्यादा की कमी या बढ़ोतरी होती है तो पोर्टफोलियो को दोबारा संतुलित किया जाना चाहिए.

Published - October 11, 2021, 04:58 IST