अक्सर आपने डेट फंड का जिक्र सुना होगा. इसके साथ ही आपने गिल्ट फंड (Gilt Funds) का भी नाम सुना होगा. गिल्ट फंड डेट फंड्स की एक कैटेगरी होती है. गिल्ट फंड स्कीम सरकारी सिक्योरिटी में निवेश करती है. सेबी के नियमों के मुताबिक गिल्ट फंडों को अपने एसेट का कम से कम 80 फीसदी सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करना जरूरी है.
लघु अवधि के म्यूचुअल फंड – इस के तहत अल्पकालिक सरकारी बॉण्ड में निवेश किया जाता है, जो बहुत कम अवधि की होती हैं. सामान्यतः ये म्यूचुअल फंड अगले 15-18 महीनों में परिपक्व हो जाते हैं.
दीर्घ अवधि के म्यूचुअल फंड– इसके तहत दीर्घकालिक सरकारी बॉण्ड में निवेश किया जाता है. इनकी परिपक्वता अवधि 5 साल से 30 साल तक होती है. गिल्ट फंडों में सरकारी प्रतिभूतियों की परिपक्वता अवधि जितनी अधिक होती है, उतनी ही अधिक ब्याज दर में बदलाव की संभावना होती है.
चूंकि गिल्ट फंड एक प्रकार का म्यूचुअल फंड है. यह मध्यम और दीर्घकालिक सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करता है, इसलिए गिल्ट फंड का फंड मैनेजर इन प्रतिभूतियों में निवेश करता है. परिपक्वता पर निवेशक को निवेशित पूंजी के साथ-साथ ब्याज मिलता है. निवेशक गिल्ट फंड का अच्छी तरह लाभ ले सकते हैं, क्योंकि इसमें पूंजी का कोई जोखिम नहीं होता है. इस तरह गिल्ड फंड कम जोखिम वाला निवेश विकल्प है, जिसमें मध्यम रिटर्न मिलता है.
गिल्ट फंड कम जोखिम वाली डेट प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं, इसलिए यह ऐसे निवेशकों के लिए एक आदर्श निवेश विकल्प होता है, जो पूंजी की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं और सुरक्षित विकल्प की चाह रखते हैं. गिल्ट फंड, बॉन्ड फंड से अलग होते हैं, क्योंकि बॉन्ड फंड मुख्य रूप से कॉरपोरेट बॉन्ड, सरकारी प्रतिभूतियों और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं, जबकि गिल्ट फंड जी-सेक जैसी उच्च क्रेडिट रेटिंग वाली प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं. गिल्ट फंड सुनिश्चित करते हैं कि निवेशकों को पूंजीगत जोखिम का सामना न करना पड़े तथा मध्यम रिटर्न भी मिलता रहे. गिल्ट फंड को इक्विटी फंड्स या लिक्विड फंड्स की तुलना में बेहतर एसेट क्वालिटी में निवेश करने के लिए जाना जाता है. इसीलिए गिल्ट फंड उन निवेशकों के लिए सबसे अच्छा विकल्प है, जो जोखिम मुक्त निवेश की तलाश कर रहे हैं या उच्च गुणवत्ता वाली सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करना चाहते हैं.
गिल्ट फंडों में तभी निवेश करें जब आप ब्याज दरों पर नजर रखने में सक्षम हों. आपको पता होना चाहिए कि स्कीम से कब एग्जिट करना है और कब इसमें एंट्री करना है. चूंकि ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव का बॉन्ड पर बहुत फर्क पड़ता है.इसलिए गिल्ट फंड में निवेश के मामले में काफी सावधानी की जरूरत है.