Dividend Plans: अगर आप रिटायर्ड व्यक्ति है या आप ऐसे व्यक्ति हैं जिसके पास नियमित आय का एक भी साधन नहीं है तो आप म्यूचुअल फंड में डिविडेंड प्लान का विकल्प चुन सकते है. अगर स्टॉक मार्केट ऑल टाइम हाई पर है तो भी डिविडेंड ऑप्शन अच्छा माना जाता है. इसमें आप हाई डिविडेंड प्राप्त कर सकते है, लेकिन इसमें कंपाउंडिंग का फायदा नहीं ले सकते. इसमें आपको ग्रोथ प्लान के मकाबले मैच्योरिटी पर बहुत कम राशि प्राप्त होती हैं. डिविडेंड प्लान में जाना चाहते है, तो उसमें भी अलग-अलग विकल्प है. निवेशक को अपनी जरूरत और टार्गेट के आधार पर इनके बारे में विचार करना चाहिए.
डिविडेंड प्लानः
डिविडेंड ऑप्शन में म्यूच्यूअल फंड स्कीम द्वारा बनाया गया प्रॉफिट निवेशकों को रोजाना, मासिक या तिमाही आधार पर वापस भुगतान कर दिया जाता है. सेबी के दिशानिर्देशानुसार डिविडेंड का भुगतान म्यूच्यूअल फंड स्कीम के अर्जित लाभ में से किया जाता है. अधिकतर म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम्स का डिविडेंड पे आउट वार्षिक होता है.
डिविडेंड प्लान के प्रकारः
डिविडेंड प्लान में आपको कई प्रकार के फीचर्स मिलते है. आप डिविडेंड पेआउट प्लान, रिइंवेस्टमेंट प्लान या डिविडेंड स्वीप प्लान भी चुन सकते है.
डिविडेंड पेआउट प्लानः
इस विकल्प में जो भी डिविडेंड घोषित किया जाता है वह सीधे आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाता है. मान लीजिए, आपके स्कीम की एक यूनिट की NAV 25 रूपये हैं, यदि फंड मैनेजर तय करता है कि उसे 4 रूपये प्रति यूनिट डिविडेंड देना है तो यह डिविडेंड आपके अकाउंट में जमा हो जाएगा और उसके बाद आपके एक युनिट की NAV 25 रूपये से घटकर 21 रूपये आ जाएगी. जब तक आपको समय-समय पर नकदी प्रवाह की आवश्यकता नहीं होती, तब तक डिविडेंड पेआउट प्लान से दूर रहना चाहिए. और इसके बजाय ग्रोथ या रिइंवेस्टमेंट का चयन करना सबसे अच्छा होगा.
डिविडेंड रिइंवेस्टमेंट प्लानः
अब IDCW (Income Distribution cum Capital Withdrawal) Reinvestment प्लान से जाने जाते इस इस डिविडेंड प्लान में जो भी डिविडेंड की राशि होती है वह उसी फंड में फिर से निवेश (reinvest) कर दी जाती है. डिविडेंड रिइंवेस्टमेंट प्लान के तहत, डिविडेंड घोषित किया जाता है, लेकिन भौतिक रूप से भुगतान नहीं किया जाता है. इसके बजाय, इसे वापस योजना में पुनर्निवेशित किया जाता है. इस मामले में, आपको अतिरिक्त युनिट जारी किए जाएंगे, जो प्रचलित एनएवी पर भुगतान किए गए लाभांश की राशि के बराबर होंगे. यह काफी हद तक ग्रोथ ऑप्शन के समान है, क्योंकि आप समय के साथ कम एनएवी पर ज्यादा यूनिट्स जमा कर सकते है, जो ग्रोथ ऑप्शन के तहत ज्यादा एनएवी पर निवेश की गई यूनिट के बराबर होगी.
डिविडेंड स्वीप प्लानः
इस विकल्प में डिविडेंड की प्राप्त राशि उसी फंड हाउस की किसी दूसरी स्कीम में निवेश कर दी जाती है.
एक्सपर्ट क्या कहते हैः
AMFI-रजिस्टर्ड म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्युटर पंकज जैन कहते है कि, डिविडेंड प्लान में तभी निवेश करें जब आप नियमित आय चाहते हों. डिविडेंड रिइंवेस्टमेंट प्लान वास्तव में इक्विटी फंडों के मुकाबले कोई महत्वपूर्ण लाभ प्रदान नहीं करते है. यदि आप डिविडेंड रिइंवेस्टमेंट प्लान पसंद करना चाहते है तो उसका बेहतर विकल्प ग्रोथ प्लान है, जो अधिक रिटर्न अर्जित करने और चक्रवृद्धि का लाभ उठाने में मदद करेगा. इतना ही नहीं, डिविडेंड रिइंवेस्टमेंट के मुकाबले ग्रोथ प्लान अधिक कर-कुशल है, इसलिए डिविडेंड रिइंवेस्टमेंट प्लान के चक्कर में जाने की कोई आवश्यकता नहीं है. इसके बजाय, ग्रोथ प्लान के माध्यम से पुनर्निवेश ओटो मोड से होने दें.