इमर्जेंसी फंड का पैसा कहां लगाएं, यहां होगी आपकी ये मुश्किल दूर

Emergency fund को या तो Savings account में रखना चाहिए या फिर इसे ऐसे साधनों में लगाना चाहिए यहां से आप आसानी से इस पैसे को वापस पा सकें.

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कुछ बैंक सेविंग्स अकाउंट पर 7 फीसदी तक बढ़िया ब्याज भी देते हैं.

कुछ बैंक सेविंग्स अकाउंट पर 7 फीसदी तक बढ़िया ब्याज भी देते हैं.

कोविड महामारी ने लोगों को कई अहम सबक सिखाए हैं. इसमें संकट के वक्त एक इमर्जेंसी फंड (Emergency fund) की जरूरत का सबक भी शामिल है. इमर्जेंसी फंड (Emergency fund) को या तो सेविंग्स अकाउंट (Savings account) में रखना चाहिए या फिर इसे ऐसे साधनों में लगाना चाहिए यहां से आप आसानी से इस पैसे को वापस पा सकें. इनका एक हिस्सा लिक्विड म्यूचुअल फंड्स में भी लगाया जा सकता है. ये खासतौर पर मनी मार्केट सिक्योरिटीज में पैसा लगाते हैं और ऐसे में इनमें न के बराबर जोखिम होता है. इसके अलावा, Fixed Deposit (FD) और रेकरिंग डिपॉजिट (RD) में भी ये पैसा लगाया जा सकता है.

लिक्विड फंड

लिक्विड फंड्स से पैसा निकालने में कोई दिक्कत नहीं होती है. एक तय वक्त के बाद आप इसमें से पैसा निकालने का अनुरोध कर सकते हैं. इसमें आपको फोलियो नंबर बताना होता है और पैसा आपके खाते में आ जाता है.

अब कई म्यूचुअल फंड हाउसेज ने लिक्विड फंड्स से पैसा निकालने के लिए ATM की सुविधा देनी भी शुरू कर दी है.

बैंक खाते

FD को समय से पहले बंद करना भी मुमकिन है. हालांकि, इसमें बैंक आपसे एक पेनाल्टी वसूलता है. इसके अलावा, कुछ बैंक सेविंग्स अकाउंट पर 7 फीसदी तक बढ़िया ब्याज भी देते हैं.

इंश्योरेंस

किसी मेडिकल इमर्जेंसी में हेल्थ इंश्योरेंस सबसे मददगार साबित होता है. इससे आपका इमर्जेंसी फंड बचा रहता है. किसी भी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी की कैश फैसिलिटी में आपको बिल्स का भुगतान करने की जरूरत नहीं होती है.

ऑनलाइन इनवेस्टमेंट एडवाइजरी

कई ऑनलाइन एडवाइजरी फर्मों ने अब ऐसे प्लान शुरू कर दिए हैं जिनमें इमर्जेंसी के दौरान लिक्विडिटी मिल सकती है. मिसाल के तौर पर, पर्सनल फाइनेंस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म Kuvera.in सेवस्मार्ट अकाउंट मुहैया कराता है. ये भारत के प्रमुख म्यूचुअल फंड हाउसेज की लिक्विड फंड्स की बास्केट से कनेक्टेड होता है.

इसमें आप तुरंत 2 लाख रुपये रोजाना जितना पैसा निकाल कते हैं. इससे आपकी इमर्जेंसी जरूरतें पूरी हो जाती हैं.

अन्य ठिकाने

फिजिकल गोल्ड के बदले लोन भी एक आसान विकल्प है. इमर्जेंसी के वक्त गोल्ड ETF भी एक बढ़िया विकल्प साबित होता है.

GCL सिक्योरिटीज के वाइस चेयरमैन रवि सिंघल कहते हैं, “गोल्ड ETF में आप ऑनलाइन बिक्री कर सकते हैं और पैसा आपके खाते में 3 दिन में आ जाता है. दूसरी ओर, म्यूचुअल फंड्स में आपको दूसरे दिन ही भुगतान मिल जाता है.”

सरकारी बैंकों ने भी कोविड मरीजों के लिए पर्सनल लोन स्कीमें शुरू कर दी हैं. मिसाल के तौर पर SBI ने हाल में ही कवच पर्सनल लोन स्कीम कोविड मरीजों के लिए उतारी है. इस लोन में कोविड आधारित मेडिकल खर्चों को रीइंबर्स किया जाता है.

Published - June 28, 2021, 08:54 IST