When to Exit from Mutual Fund Investment: कई लोग इंवेस्टमेंट एडवाइजर से पूछ रहे हैं कि बाजार अभी उच्च स्तर पर हैं तो क्या म्यूचुअल फंड में लगाया हुआ पैसा निकाल के प्रॉफिट बुकिंग करना चाहिए? म्यूचुअल फंड में आपने जो पैसा लगाया है उसे निकालने के लिए बाजार की परिस्थिति को आधार नहीं बनाना चाहिए. कई लोग बाजार कि तेजी और मंदी को आधार बनाकर उनका निवेश निकालने की गलती करते हैं. विशेषज्ञ बताते हैं कि निवेश को अपने लक्ष्य के साथ जोड़ना चाहिए और यदि लक्ष्य हासिल हो जाए तो ही म्यूचुअल फंड यूनिट को बेचना चाहिए. इसके अलावा भी कुछ फैक्टर हैं जिनको ध्यान में रखते हुए एक्सपर्ट म्यूचुअल फंड से एग्जिट करने की सिफारिश देते हैं.
आपके फंड के रिटर्न का आधार उसके एक्स्पेंस रेशियो पर निर्भर करता है. यह रेशियो जितना बढ़ेगा उतना ही रिटर्न कम होगा. यदि आपके फंड या स्कीम का एक्सपेंस रेशियो उसकी कैटेगरी के दूसरे फंड के मुकाबले बहुत अधिक है तो बेशक आपको फंड से पैसे निकालने के बारे में सोचना चाहिए.
आपका फंड उसकी कैटेगरी के दूसरे फंड के मुकाबले लगातार कम रिटर्न दे रहा हो या आपका फंड उसके बेंचमार्क या इंडेक्स फंड से कम रिटर्न दे रहा हो तो उसे बेच देना चाहिए. आपको दो, तीन और पांच साल के रिटर्न की तुलना करनी चाहिए और प्रतिस्पर्धी फंड के मुकाबले लगातार कम रिटर्न मिलने पर उसे बेचने के बारे में सोचना चाहिए. अगर आपका फंड नया है या शॉर्ट-टर्म के लिए ही उसका प्रदर्शन खराब है तो जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए.
आपने जिस लक्ष्य के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू किया था, वह पूरा होने के करीब हो तब म्यूचुअल फंड में से एग्जिट लेनी चाहिए. यदि आपको टारगेट प्राप्त करने में 80-90 फीसदी सफलता प्राप्त हुई है तो आप बेशक रिडेंप्शन कर सकते हैं, लेकिन अगर आपका टारगेट 50% दूर है तो जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए.
कई लोग एक ही प्रकार के फंड में निवेश करते हैं, जिससे ओवरलैपिंग का खतरा बढ़ता है. आपको डाइवर्सिफाई पोर्टफोलियो बनाने के बारे में सोचना चाहिए. यदि आपके पोर्टफोलियो में एक ही प्रकार कि स्कीम्स हैं, तो किसी खराब प्रदर्शन वाली स्कीम के यूनिट को बेच कर अन्य स्कीम में पैसे लगाने चाहिए.
फंड के एट्रीब्यूट में एक मौलिक बदलाव हो सकता है, जिसके लिए यूनिट को बेचने की आवश्यकता हो सकती है. एट्रीब्यूट में बदलाव से उस मूल कारण में बदलाव आ सकता है जिसके लिए फंड में निवेश किया गया था.
आपने जिस लक्ष्य के लिए पैसा निवेश किया हो, वह लक्ष्य करीब आ रहा है तो आप फंड बेच सकते हैं, भले ही बाजार की जो भी स्थिति हो. अगर लक्ष्य टाला जा सके ऐसा नहीं है तो आपको तय समय से एक-दो साल पहले से सक्रिय होना चाहिए. इसके लिए इक्विटी फंड से पैसा निकालकर किसी लिक्विड फंड में डालना होगा. आप इसके लिए ऑटोमेटेड सिस्टेमैटिक ट्रांसफर प्लान (STP) का उपयोग कर सकते हैं.
किसी भी व्यक्ति के जीवन में कभी भी इमरजेंसी आ सकती है और इसका सामना करने के लिए इमरजेंसी फंड का होना बेहद आवश्यक है. यदि आपके पास ऐसा फंड नहीं है और अन्य कोई विकल्प नहीं बचा हो तभी म्यूचुअल फंड के निवेश को बेचना चाहिए. अगर हो सके तो आपको थोड़ी यूनिट बचा लेनी चाहिए और आपका निवेश बरकरार रखना चाहिए.
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