फाइनेंशियल ईयर 2020-21 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की लास्ट डेट 30 सितंबर, 2021 तक बढ़ा दी गई है. इनकम टैक्स रिटर्न को जितना जल्दी भर दिया जाए उतना अच्छा रहता है. देरी से रिटर्न भरने पर आपको पेनल्टी भी देनी पड़ सकती है. इसके अलावा टैक्स पेयर्स का एक गलत मत है कि अगर टैक्स का भुगतान किया जाता है तो वे एडिशनल ओब्लिगेशंस से फ्री हो जाते हैं, लेकिन इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) समय पर न भरने पर कानूनी प्रभाव पड़ते हैं. आइए कुछ परिणामों पर एक-एक करके नजर डालते हैं-
क्या होता है देर से इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने पर
– सेक्शन 234ए के तहत बकाया टैक्स की राशि पर 1% प्रति माह की दर से इंट्रेस्ट का भुगतान करना होता है.
– सेक्शन 271F के तहत रिटर्न देर से जमा करने पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है. लेकिन अगर टैक्सेबल इनकम 5,00,000 रुपये से कम है तो जुर्माना 1,000 रुपये तक ही सीमित रहेगा.
– कैपिटल गेन्स और बिजनेस एंड प्रोफेशन पर होने वाले घाटे को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा.
– अगर टैक्सपेयर्स रिटर्न का हकदार है, तो कर विभाग धारा 244ए के अनुसार ब्याज का भुगतान करता है.
समय पर ITR भरने के फायदे
– अगर आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से रिफंड की उम्मीद कर रहे हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करने के लिए समय पर अपना इनकम टैक्स रिटर्न भरना चाहिए जिससे आपको रिफंड जल्द से जल्द प्राप्त हो सके.
– समय पर इनकम टैक्स रिटर्न भरने से व्हीकल लोन (2-पहिया या 4-पहिया), होम लोन, आदि के लिए आवेदन करते समय आपको इसका लाभ मिलता है.
– इसके अलावा, इनकम टैक्स रिटर्न का उपयोग आपकी आय और एड्रेस के कन्फर्मेशन के लिए किया जा सकता है.
– लोन या वीजा के लिए अप्लाई करते समय इसकी जरूरत होती है.
फिर भी अगर कोई दी गई लास्ट डेट तक अपना इनकम टैक्स नहीं भर पाता है तो वह देर से रिटर्न दाखिल कर सकता है. जिसे बिलेटेड रिटर्न भी कहा जाता है. अगर कोई व्यक्ति इस फाइनेंशियल ईयर के लिए दिए गए समय तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) किसी कारण के चलते नही भर पाता है तो वह व्यक्ति 31 जनवरी 2022 से पहले किसी भी समय एक बिलेटेड रिटर्न दाखिल कर सकता है.