Debt-Income Ratio: त्योहारी सीजन में हर तरफ शॉपिंग सेल लग चुकी है, कंपनियों ने भारी छूट के ऑफर्स लॉन्च किए हैं, ऑनलाइन से लेकर ऑफलाइन डिस्काउंट के विज्ञापन ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं. कई लोग साल की अधिकतम खरीदारी त्योहारी सीजन के दौरान ही करते हैं, और यदि आप भी कुछ न कुछ खरीदने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको एक बात का बहुत ही ध्यान रखना होगा. भले ही कोई चीज काफी डिस्काउंट में मिल रही हो, लेकिन उसे खरीदने से आपका ऋण एक सीमा से ज्यादा बढ़ रहा है, तो ऐसी खरीदारी से दूर रहें, वर्ना इनकम और डेट का अनुपात बिगड़ सकता है. आपको इनकम के साथ EMI का बैलेंस बनाए रखना जरूरी है.
मान लीजिए, आप पहले से ही होम लोन और कार लोन के EMI का भुगतान कर रहे हैं. अब यदि आप त्योहारी सीजन में किसी इलेक्ट्रॉनिक आइटम के लिए लोन का विकल्प चुनते हैं तो आपका हर महीने के EMI का बोझ बढ़ जाएगा और बाद में आप इसको एक बड़ी चुनौती के रूप में भी देख सकते हैं, इसलिए विशेषज्ञ सही डेट-इनकम रेशियो को बनाए रखने की सलाह देते हैं.
कर्ज चुकाने की क्षमता को मापने के लिए डेट-टू-इनकम (DTI) अनुपात का इस्तेमाल होता है. इसके लिए व्यक्ति की मिनिमम कर्ज देनदारी को मासिक इनकम से भाग दिया जाता है. ये रेशियो मासिक आधार पर निकाला जाता है. DTI अनुपात से बैंक ये बात का मूल्यांकन करते हैं कि आवेदक की आर्थिक स्थिति उसे और कितना कर्ज लेने की अनुमति देती है.
मान लिजिए कि आप की मासिक आय 80,000 रुपये है और आपका होम लोन एवं कार लोन की किस्त 34,400 रुपये है. इस हिसाब से आपका डेट-इनकम अनुपात 43% होता है, जो कि बहुत ज्यादा है. आदर्श रूप से, आपका ऋण-से-आय अनुपात 36% से कम होना चाहिए. यदि 50% से ज्यादा अनुपात है तो निश्वित रूप से आपका कर्ज काफी ज्यादा है और उसे कम करना बहुत ही जरूरी है.
डेट-इनकम रेशियो कम करने के लिए आय बढ़ानी चाहिए, जिसके लिए आप ज्यादा सैलरी के विकल्प ढूंढ सकते है या पार्ट-टाईम जॉब कर सकते हैं, साइड बिजनेस भी कर सकते हैं. अगर आय बढे़गी तो निश्वित रूप से ये रेशियो नीचे जाएगा. दूसरा तरीका है आक्रामक बनकर अपने कर्ज का भुगतान करें. सबसे पहले क्रेडिट कार्ड कर्ज की भरपाई कर देनी चाहिए.
मान लीजिए, आप कार लोन और पर्सनल लोन का भुगतान कर रहे हैं और आपका क्रेडिट स्कोर भी 800 से ऊपर है. आपने होम लोन के लिए बैंक से आवेदन किया है, तो बैंक सबसे पहले आपके डेट-इनकम रेशियो का पता करेगी और अगर बैंक को लगता है कि आप अतिरिक्त लोन उठाने के काबिल नहीं हैं तो अच्छा क्रेडिट स्कोर होने के बावजूद आपका आवेदन खारिज कर दिया जाएगा. पर्सनल लोन और कार लोन कि वजह से आपकी देनदारियां ज्यादा होने के कारण बैंक आपको होम लोन नहीं दे सकता. ऐसे मामलों को बैंक रिस्की डेट-टु-इनकम रेशियो कहते हैं.
डेट-इनकम रेशियो ज्यादा होने से आपकी मासिक आय का अधिकतम पैसा ऋण भुगतान की ओर चला जाएगा और आपको बिलों का भुगतान करने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है. उच्च DTI अनुपात होने के कारण अतिरिक्त लोन लेना मुश्किल हो जाता है. अधिक DTI रेशियो से आपका क्रेडिट स्कोर सीधे प्रभावित तो नहीं होता, लेकिन अधिक अनुपात के कुछ कारक आपके क्रेडिट स्कोर को नुकसान पहुंचा सकते हैं.