ARN in mutual fund: एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के लिए नैतिक और पारदर्शी पॉलिसियां स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसने पिछले दो दशकों के दौरान निवेशकों और फंड हाउसों के हितों की रक्षा करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. AMFI ने म्यूचुअल फंड में निवेश करने और म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में अधिक लोगों को आकर्षित करने के लिए इन्वेस्टमेंट एक्सेसिबिलिटी और पारदर्शिता में वृद्धि की है.
एएमएफआई के मुताबिक, म्यूचुअल फंड केवल योग्य म्यूचुअल फंड एक्सपर्ट्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स द्वारा बेचे जाते हैं. जिनके पास AMFI रजिस्ट्रेशन नंबर या ARN कोड होता है. इसके अलावा म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री को बढ़ाने के लिए एएमएफआई (AMFI) ने 1 मई, 2021 से प्रभावी म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर के लिए एआरएन रजिस्ट्रेशन और रिन्यूअल फीस पर 50% तक की कमी कर दी है.
एएमएफआई के चीफ एग्जीक्यूटिव एनएस वेंकटेश के मुताबिक, AMFI देश भर में नए और युवा व्यक्तियों को छोटे बचतकर्ताओं के बड़े आधार तक पहुंचने के लिए प्रोत्साहित करना चाहता है. विशेष रूप से टियर II और III शहरों और कस्बों में रह रहे लोगों को अपने फाइनेंशियल एसेट्स को म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं. म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर के लिए एआरएन रजिस्ट्रेशन और रिन्यूअल फीस 50% तक कम करने से एक मजबूत प्रोत्साहन मिलेगा.
म्यूचुअल फंड प्लान दो प्रकार के होते हैं, एक होता है रेगुलर प्लान और दूसरा होता है डायरेक्ट प्लान. रेगुलर प्लान एक म्युचुअल फंड प्लान होता है जो किसी बिचौलिए के जरिए खरीदे जाते हैं. ब्रोकेरस, कंसल्टैंट्स, और डिस्ट्रीब्यूटर्स ये सभी बिचौलियों के उदाहरण हैं. ये लोग फंड हाउसेस से म्यूच्यूअल फंड बेचने का चार्ज लेते थे. लेकिन साल 2012 में जब सेबी ने म्यूचुअल फंड में डायरेक्ट प्लान्स की शुरुवात की जिससे सारे कमीशन या शुल्क चार्ज ख़त्म हो गए.
डायरेक्ट प्लान्स की शुरुआत निवेशकों को सीधे फंड मैनेजर से म्यूचुअल फंड खरीदने में सक्षम बनाने के लिए की गई है. एक ही म्यूचुअल फंड मैनेजर डायरेक्ट और रेगुलर दोनों प्लान को मैनेज करता है. हालांकि प्राथमिक अंतर यह है कि फंड हाउस रेगुलर प्लान में कमीशन के रूप में डिस्ट्रीब्यूशन शुल्क लेते हैं, लेकिन इसके विपरीत डायरेक्ट प्लान में ऐसा कोई कमीशन या शुल्क नहीं है.
आज निवेशक उन सभी लाभों से अवगत हैं जो एक डायरेक्ट प्लान प्रदान करता है. जैसे कि इसमें कम लागत, तीसरे पक्ष की कोई भागीदारी नहीं और लो एक्सपेंस रेश्यो शामिल है. लेकिन रेगुलर प्लान के अपने फायदे हैं. जिनका निवेशकों को फाएदा मिलता है. जैसे की अगर आपके पास फाइनेंशियल नॉलेज नहीं है. तो एक्सपर्ट्स से प्राप्त प्रोफेशनल एडवाइस निवेशकों को उनकी जोखिम लेने की क्षमता के अनुसार सही म्यूचुअल फंड चुनने में मदद कर सकती है.
एक जानकार सलाहकार निवेशकों को उनकी पूरी फाइनेंशियल यात्रा में सहायता कर सकता है और यहां तक कि उन्हें उच्च रिटर्न प्राप्त करने में मदद करने के लिए बाजार की जानकारी भी प्रदान कर सकता है. इस प्रकार केवल एक रेगुलर प्लान प्रोफेशनल गाइडेंस प्रदान करती है. वही डायरेक्ट प्लान में निवेशकों को अपनी नॉलेज पर भरोसा करना होता है.
– म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर विचार करने वाले व्यक्तियों के लिए एआरएन (ARN) से परिचित होना जरुरी है. म्युचुअल फंड बाजार में नए निवेशकों को आकर्षित करने में एजेंटों, दलालों और अन्य बिचौलियों की भूमिका को देखते हुए निवेशकों के लिए उनकी विश्वसनीयता को समझना महत्वपूर्ण है.
– एआरएन (ARN) इस फाइनेंशियल क्षेत्र के बारे में खुद को शिक्षित करने का सबसे आसान तरीका है. AMFI India केवल योग्य व्यक्तियों को ही संभावित खरीदारों को फंड बेचने के लिए अधिकृत करता है.
– फंड हाउस या बिचौलिए जो एआरएन प्राप्त (ARN) करते हैं. वे कई प्रकार के म्यूचुअल फंड, बाजार के विभिन्न रुझानों और बाजार में लाभकारी निवेश करने के लिए आवश्यक किसी भी अन्य पेशेवर जानकारी के जानकार होते हैं.
– इस प्रकार निवेशकों को आमतौर पर म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले फंड हाउस के एआरएन (ARN) की जांच करने की सलाह दी जाती है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे विश्वसनीय हैं.