वैल्यू इक्विटी फंड क्या है, इसमें निवेश की क्या होनी चाहिए स्ट्रेटेजी , इन 9 पॉइंट में समजिए

Value Equity Fund: लंबे समय में उस फंड से उस स्टोक से बहेतरीन रिटर्न की उम्मीद फंड मेनेजर लगाता है और उसमें इन्वेस्ट करवाता है.

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Pixabay - अपने लिए बेहतर इक्विटी म्यूचुअल फंड चुनने का काम कठिन है, लेकिन यहां बताए गए 9 तरीकों से ये कठिन काम आसान हो सकता है.

Pixabay - अपने लिए बेहतर इक्विटी म्यूचुअल फंड चुनने का काम कठिन है, लेकिन यहां बताए गए 9 तरीकों से ये कठिन काम आसान हो सकता है.

Value Equity Fund: वैल्यू फंड, फंड मेनेजर की बहेतरीन स्पेश्यलाइजेशन का नतीजा होता है. चाहे मार्केट उपर जाये या नीचे एक अच्छा फंड मेनेजर अपने स्पेश्यलाइजेशन के दम पर निवेशको को अच्छा रिटर्न देने में सफल होता है. ये फंड स्कीम अपने एसेट का 65 फीसदी हिस्सा ऐसे स्टॉक में निवेश करते हैं जो वैल्यू निवेश के सिद्धांतों पर आधारित होते हैं. आज भले फंड अच्छा रिटर्न न दे रहा हो लेकिन लंबे समय में उस फंड से उस स्टोक से बहेतरीन रिटर्न की उम्मीद फंड मेनेजर लगाता है और उसमें इन्वेस्ट करवाता है.

ये 9 पॉइंट ध्यान में रखें

पॉइंट-1

ये फंड वेल्यू इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी को अपनाते है. वेल्यू इन्वेस्टींग स्ट्रेटेजी यानी एसे स्टोक्स को सर्च करना जो अंडर वेल्यूड हो.

पॉइंट-2

आमतौर पर म्यूच्युअल फंड में इन्वेस्टमेंट इक्विटी म्यूच्युअल फंड्स में इक्विटी के अंदर या कंपनीयों के शेयर के अंदर होता है. फंड मेनेजर ऐसी कंपनी ढूंढता है जिसकी प्राइस अंडरवेल्यूड होती है. यानी किसी स्टोक की प्राइस होनी चाहिए थी 500 रुपये लेकिन अभी चल रही है 300 या 400 रुपये. यानी उसकी फेयर वेल्यू से अभी वो डिस्काउंट में चल रही है. जो उसकी करंट प्राइस चल रही है वो किसी भी कारण से उसकी फेयर वेल्यू नहीं दिखा रही है.

पॉइंट-3

इस में रिस्क कम हो जाता है क्योंकी मार्केट पहले से हरचीज को डिस्काउंट कर चुका है. उसकी प्राइस आपको पता हो चुकी होती है. इससे कुछ हद क जोखिम कम हो जाता है.

पॉइंट-4

लेकिन इस सिलेक्शन में फंड मेनेजर का कौशल काम आता है. उसको स्टोक्स एवरेज पीइी कैसे काम कर रहा है, फ्यूचर का कैश फ्लो क्या है, अभी इसका पीइ क्या चल रहा है, फंडा मेंटली स्टोक्स मजबूत है के नहीं, एसी हरचीज को देखना पडता है.

पॉइंट-5

आपको फायदा ये है की अभी जो स्टोक अंडरवेल्यूड है वो फ्यूचर में अपने ओरिजिनल प्राइस पे आएगा और आपको इससे फायदा होगा.

पॉइंट-6

आप किसी भी वेल्यू फंड में इंवेस्ट करते है तो पांच साल का व्यू बनाके ही निवेश करना चाहिए.

पॉइंट-7

शोर्ट टर्म में इससे फायदा नहीं होगा. क्योंकी लोंग टर्म में अभी जिस शेयर की प्राइस किसी भी कारण से अंडर वेल्यूड है वो वापस अपनी असली किंमत में लौटेगी. जिससे आपको अच्छे रिटर्न मिलने की संभावना बढ जाएगी.

पॉइंट-8

फंड मेनेजर कौन है और उसका अनुभव क्या है उसको देखना चाहिए.

पॉइंट-9

पिछले पांच साल के रिटर्न के आधार पर देखें तो निप्पोन इंडिया वेल्यू फंड (ग्रोथ) ने पिछले पांच साल में 15.52% का रिटर्न दिया है. दूसरी और आदित्य बिरला सन लाइफ प्योर वेल्यू फंड (ग्रोथ) ने पिछले पांच साल में करीब 10.9% का रिटर्न दिया है. इसके अलावा एचडीएफसी केपिटल बिल्डर वेल्यू फंड(ग्रोथ) ने करीब 13%, आइसीआइसीआइ प्रूडेंशियल वेल्यू डिस्कवरी ग्रोथ फंडने करीब 13%, टाटा इक्विटी पीइ फंडने 14.6% और युटीआइ वेल्यू ओपोर्यूनिटी फंड ने 13.77% का रिटर्न पिछले पांच साल में दिया है.

नोट- उपर दिये गए रिटर्न 27-5-2021 तक के एन्युअल रिटर्न हैं.

Published - July 8, 2021, 03:26 IST